लखनऊ: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की विवादित किताब के बाद देश में मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक और विवादित किताब लिखने के बाद पर्सनल लॉ बोर्ड ने उनकी असल सीरत (जीवन परिचय) पर मण्डलियां बनाकर सबके सामने प्रस्तुत करने का फैसला किया है.
देश में बढ़ते मुसलमानों के आक्रोश के बाद जागे ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को कहा कि इस्लाम के पवित्र पैगंबर मोहम्मद साहब के व्यक्तित्व के परिचय एवं प्रशंसा की कदाचित आवश्यकता नहीं, मुसलमानों ने ही नहीं बल्कि निष्पक्ष गैर मुस्लिम विद्वानों ने भी मोहम्मद साहब के सर्वांगीण गुणों को स्वीकार किया है. भारत के बड़े-बड़े धर्म गुरुओं और हिन्दू धर्म के प्रतिनिधियों ने आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के चरित्र को आदर्श के रूप में वर्णित किया है और अनेक हिन्दू कवियों ने मोहम्मद साहब के सम्मान में नात कविताएं कही हैं. यदि कोई व्यक्ति आपका अपमान (ईशनिंदा) करता है तो वह स्वयं अपनी गंदगी को दिखाता है और चांद पर थूकने का असफल प्रयास करता है.
वसीम रिजवी को गिरफ्तार करने की उठी मांग
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि अफसोस है कि एक व्यक्ति वसीम रिजवी निरंतर इस प्रकार का जघन्य कृत्य करता रहा है. वह न केवल मुसलमानों के हृदय को आहत कर रहा है बल्कि उसका यह कृत्य देश की शांति व सद्भाव को और संविधान को ठेस पहुंचाने वाला है. देश का कानून किसी भी धर्म के आस्था के प्रतीकों के अपमान की अनुमति नहीं देता. धार्मिक भावनाओं के सम्मान के संबंध में भारत का उज्ज्वल इतिहास रहा है. न मुसलमानों ने कभी हमवतनी भाइयों के पवित्र व्यक्तित्वों और धार्मिक पुस्तकों के बारे में कोई आपत्तिजनक शब्द प्रयोग किया और न हमवतनी भाइयों ने मुसलमानों के पवित्र व्यक्तित्वों के बारे में कोई अपमानजनक बात कही. इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उत्तर-प्रदेश सरकार और भारत सरकार से मांग करता है कि वह वसीम रिजवी को तत्काल प्रभाव से गिरफ्तार करे और दंड दे.
मंडलियां करेंगी पैगंबर की असल सीरत को प्रस्तुत
AIMPLB ने अपने जारी किए हुए बयान में गुरुवार को कहा कि मुसलमानों से अपील की जाती है कि वह सीरत (इस्लाम के पवित्र पैग़म्बर का जीवन परिचय) की ऐसी मण्डलियां आयोजित करें जिनमें हमवतनी भाईयों को विशेष तौर पर आमंत्रित किया जाए और हुजूर की सच्ची सीरत उनके सामने प्रस्तुत की जाए. विशेषतः आपकी नैतिक शिक्षाओं को उजागर किया जाए और उनकी गलतफहमियों को दूर किया जाए. हम सरकार से मांग करते हैं कि वह सभी धर्मो की पवित्रता का सम्मान करते हुए इससे संबंधित विशेष कानून बनाए और उसका उल्लंघन करने को गंभीर अपराध घोषित करे.
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