लखनऊः अवध बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने और विभिन्न न्यायाधिकरणों की राजधानी में स्थापना की मांग के मुददे पर 1 मार्च को भी अदालती कामकाज के बहिष्कार का निर्णय लिया है. अधिवक्ता 24 फरवरी से लगातार न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे हैं. इसके चलते हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है. हाईकोर्ट के साथ ही साथ अधीनस्थ अदालतों में भी अधिवक्ताओं ने भी न्यायिक कार्य का बहिष्कार किया.
सभी न्यायाधिकरण राजधानी में स्थापित करने की मांग
अधिवक्ताओं की मांग है कि नए बनाए जाने वाले सभी न्यायाधिकरण राजधानी में ही स्थापित किये जाएं. इन न्यायाधिकरणों में जीएसटी, शिक्षा व कम्पनी न्यायाधिकरण शामिल हैं. साथ ही यह भी मांग है कि गोमती नगर में लखनऊ बेंच की विशाल इमारत बनायी गई है, जहां करीब दो दर्जन कोर्ट रूम खाली पड़े हैं. अतः लखनऊ के आस-पास के जिलों का क्षेत्राधिकार यहीं सम्बद्ध कर दिया जाए ताकि वादकारियों को सुविधा हो. वहीं दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता चाहते हैं कि न्यायाधिकरण वहां बनाए जाएं और वर्तमान क्षेत्राधिकार में भी कोई परिवर्तन न किया जाए. इसको लेकर वहां के वकील भी आंदेालनरत हैं.
बैठक में बनाई जाएगी अगली रणनीति
अवध बार के महासचिव शरद पाठक ने बताया कि 1 मार्च को महाधिवक्ता, मुख्य स्थाई अधिवक्ता, वरिष्ठ अधिवक्ता, बार काउसिंल के निर्वाचित सदस्य, बार के पूर्व अध्यक्षों, मंत्री, राजधानी के अन्य विभिन्न बार एसोसिएशनों के अध्यक्षों व महामंत्रियों व अवध बार के सदस्यों की एक संयुक्त बैठक आयेाजित की जाएगी. बैठक में इस मसले पर आगे की रणनीति बनायी जाएगी. 24 फरवरी से चल रहे कार्य बहिष्कार पर 1 मार्च को बार की कार्यकारिणी सभी परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लेगी.