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मुख्य सेविकाओं के पदों के विज्ञापन निरस्त - यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार

यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार, 4 अक्टूबर 2006 और 6 अप्रैल 2011 के दोनों मुख्य सेविकाओं के पदों के विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया है.

यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार
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Published : Feb 8, 2021, 9:52 PM IST

लखनऊ: यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार, 4 अक्टूबर 2006 और 6 अप्रैल 2011 के दोनों मुख्य सेविकाओं के पदों के विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया है. जिन अभ्यर्थी ने प्रकाशित विज्ञापन के जरिए आवेदन किया था, वे अपने आवेदन पत्र की फोटो कॉपी और बैंक एकाउंंट की डिटेल 4 फरवरी 2021 से 60 दिनों के भीतर आवेदन करते हैं, तो उनके द्वारा जमा शुल्क वापस कर दिया जाएगा.


डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि प्रकाशित विज्ञापन सामयिक चयन की प्रक्रिया में आयु, आरक्षण और चयन की प्रक्रिया पूरी तरह से बदल चुकी है. 6 अप्रैल 2011 द्वारा जारी विज्ञापन में अभ्यर्थियों से अनिवार्य विषय का विवरण भी नहीं मांगा गया था, जबकि उपरोक्त पद के लिए भारत में किसी विश्वविद्यालय से एक विषय के रूप में समाजशास्त्र, समाज कार्यों, गृह विज्ञान, पोषण और बाल विकास के साथ कला में स्नातक उपाधि अथवा सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई उपाधि प्राप्त होनी चाहिए.

डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के अधियाचन के आधार पर वर्ष 2006 में मुख्य सेविका के सीधी भर्ती के 1484 पदों पर 4 अक्टूबर 2006 को विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें कुल 171984 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 2 जून 2007 को अस्तित्व में न रहने के कारण विभाग को आगे की कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे.


निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा अपने विज्ञापन 6 अप्रैल 2011 को कुल 2132 मुख्य सेविकाओं के पदों हेतु पुनः विज्ञापन जारी किया गया. डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उपलब्ध विवरण के अनुसार, तत्समय भर्ती पर शासन के पत्र 15 मार्च 2012 द्वारा तत्कालीन प्रभाव से रोक होने के कारण मुख्य सेविका के रिक्त पद के आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी. इसके बाद सोमवार को इन सभी विज्ञापनों को निरस्त कर दिया गया.

लखनऊ: यूपी बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार की निदेशक डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार, 4 अक्टूबर 2006 और 6 अप्रैल 2011 के दोनों मुख्य सेविकाओं के पदों के विज्ञापन को निरस्त कर दिया गया है. जिन अभ्यर्थी ने प्रकाशित विज्ञापन के जरिए आवेदन किया था, वे अपने आवेदन पत्र की फोटो कॉपी और बैंक एकाउंंट की डिटेल 4 फरवरी 2021 से 60 दिनों के भीतर आवेदन करते हैं, तो उनके द्वारा जमा शुल्क वापस कर दिया जाएगा.


डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि प्रकाशित विज्ञापन सामयिक चयन की प्रक्रिया में आयु, आरक्षण और चयन की प्रक्रिया पूरी तरह से बदल चुकी है. 6 अप्रैल 2011 द्वारा जारी विज्ञापन में अभ्यर्थियों से अनिवार्य विषय का विवरण भी नहीं मांगा गया था, जबकि उपरोक्त पद के लिए भारत में किसी विश्वविद्यालय से एक विषय के रूप में समाजशास्त्र, समाज कार्यों, गृह विज्ञान, पोषण और बाल विकास के साथ कला में स्नातक उपाधि अथवा सरकार द्वारा उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई उपाधि प्राप्त होनी चाहिए.

डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार के अधियाचन के आधार पर वर्ष 2006 में मुख्य सेविका के सीधी भर्ती के 1484 पदों पर 4 अक्टूबर 2006 को विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें कुल 171984 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 2 जून 2007 को अस्तित्व में न रहने के कारण विभाग को आगे की कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे.


निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार द्वारा अपने विज्ञापन 6 अप्रैल 2011 को कुल 2132 मुख्य सेविकाओं के पदों हेतु पुनः विज्ञापन जारी किया गया. डॉ. सारिका मोहन ने बताया कि उपलब्ध विवरण के अनुसार, तत्समय भर्ती पर शासन के पत्र 15 मार्च 2012 द्वारा तत्कालीन प्रभाव से रोक होने के कारण मुख्य सेविका के रिक्त पद के आवेदनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी. इसके बाद सोमवार को इन सभी विज्ञापनों को निरस्त कर दिया गया.

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