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पीएचडी अध्यादेश में संशोधन से सुविधा, नेट जेआरएफ शिक्षकों के लिए सुपरन्यूमेरिक सीटों पर प्रवेश होंगे

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Published : Dec 20, 2022, 6:52 AM IST

राजभवन द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के पीएचडी- 2020 अध्यादेश में संशोधन पर मुहर लगने के बाद नेट जेआरएफ शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीट का आरक्षण मिला है. पीएचडी अध्यादेश में संशोधन के बाद सत्र 2021-22 के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों को लाभ मिलेगा. इन सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी.

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लखनऊ: राजभवन द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के पीएचडी- 2020 अध्यादेश में संशोधन पर मुहर लगने के बाद नेट जेआरएफ शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीट का आरक्षण मिला है. इन सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी. लखनऊ विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया 2021-22 लगभग पूरी हो चुकी है. 10 फीसदी सीटों को आरक्षण मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने नेट जेआरएफ चयनित शिक्षकों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की ओर से कदम बढ़ा दिए हैं.

प्रवेश समन्वयक प्रो. पंकज माथुर (Admission Coordinator Prof. Pankaj Mathur) ने बताया कि सुपरन्यूमेरिक सीटों (supernumeric seats) पर प्रवेश जल्द से जल्द पूरे किए जाएंगे. प्रयास किया जा रहा है कि एक हफ्ते में सभी प्रवेश कर लिए जाएं. 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीटों के आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं नेट जेआरएफ चयनित शिक्षकों को मिलेगा, जिन शिक्षकों ने सत्र 2021-22 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में आवेदन कर रखा है. लुआक्टा अध्यक्ष डा. मनोज पाण्डेय (Luacta President Dr. Manoj Pandey) ने कहा कि बीती छह दिसंबर को बैठक में सुपरन्यूमेरिक सीट पर मुहर लग गई थी. उसके बाद राज्यपाल ने स्वीकृति देती थी. अब तक विश्वविद्यालय को इन सीटों पर प्रवेश लेना चाहिए था. हम उम्मीद करते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर लेगा.

रात 10 बजे के बाद हास्टल से बाहर जाना प्रतिबंधित : लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी (Chief Proctor of Lucknow University Prof. Rakesh Dwivedi) ने सोमवार को सभी हास्टल के लिए नोटिस जारी किया. इस नोटिस में प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा कि एलयू के महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के रात आठ बजे के बाद हास्टल से बाहर आना प्रतिबंधित है. वहीं पुरुष छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए रात 10 बजे की सीमा है. इसके बाद बाहर जाना प्रतिबंधित है. इस नियम को सख्ती से पालन करना होगा. बता दें, बीते सप्ताह सुभाष छात्रावास के कुछ छात्र रात करीब 1:30 छात्रावास से बाहर निकल कर चाय पीने गए थे. वापसी में पुलिस ने छात्रों को रोककर रात में घूमने का कारण पूछा था. जिसको लेकर पुलिस और छात्रों के बीच में झड़प हो गई थी. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों के छात्र कैंपस से बाहर निकल कर धरना प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में छात्रावास के दो गुटों के बीच में मारपीट तक की नौबत आ गई थी.

लखनऊ: राजभवन द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के पीएचडी- 2020 अध्यादेश में संशोधन पर मुहर लगने के बाद नेट जेआरएफ शिक्षकों के लिए 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीट का आरक्षण मिला है. इन सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी. लखनऊ विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया 2021-22 लगभग पूरी हो चुकी है. 10 फीसदी सीटों को आरक्षण मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने नेट जेआरएफ चयनित शिक्षकों की प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की ओर से कदम बढ़ा दिए हैं.

प्रवेश समन्वयक प्रो. पंकज माथुर (Admission Coordinator Prof. Pankaj Mathur) ने बताया कि सुपरन्यूमेरिक सीटों (supernumeric seats) पर प्रवेश जल्द से जल्द पूरे किए जाएंगे. प्रयास किया जा रहा है कि एक हफ्ते में सभी प्रवेश कर लिए जाएं. 10 फीसदी सुपरन्यूमेरिक सीटों के आरक्षण का लाभ सिर्फ उन्हीं नेट जेआरएफ चयनित शिक्षकों को मिलेगा, जिन शिक्षकों ने सत्र 2021-22 की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में आवेदन कर रखा है. लुआक्टा अध्यक्ष डा. मनोज पाण्डेय (Luacta President Dr. Manoj Pandey) ने कहा कि बीती छह दिसंबर को बैठक में सुपरन्यूमेरिक सीट पर मुहर लग गई थी. उसके बाद राज्यपाल ने स्वीकृति देती थी. अब तक विश्वविद्यालय को इन सीटों पर प्रवेश लेना चाहिए था. हम उम्मीद करते हैं कि लखनऊ विश्वविद्यालय जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर लेगा.

रात 10 बजे के बाद हास्टल से बाहर जाना प्रतिबंधित : लखनऊ विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. राकेश द्विवेदी (Chief Proctor of Lucknow University Prof. Rakesh Dwivedi) ने सोमवार को सभी हास्टल के लिए नोटिस जारी किया. इस नोटिस में प्रो. राकेश द्विवेदी ने कहा कि एलयू के महिला छात्रावास में रहने वाली छात्राओं के रात आठ बजे के बाद हास्टल से बाहर आना प्रतिबंधित है. वहीं पुरुष छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए रात 10 बजे की सीमा है. इसके बाद बाहर जाना प्रतिबंधित है. इस नियम को सख्ती से पालन करना होगा. बता दें, बीते सप्ताह सुभाष छात्रावास के कुछ छात्र रात करीब 1:30 छात्रावास से बाहर निकल कर चाय पीने गए थे. वापसी में पुलिस ने छात्रों को रोककर रात में घूमने का कारण पूछा था. जिसको लेकर पुलिस और छात्रों के बीच में झड़प हो गई थी. इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों के छात्र कैंपस से बाहर निकल कर धरना प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में छात्रावास के दो गुटों के बीच में मारपीट तक की नौबत आ गई थी.

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