लखनऊ : शिक्षा के अधिकार अधिनियम आरटीई के तहत गरीब बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों में मिलने वाले 25% सीटों पर निशुल्क प्रवेश देने के आदेश को स्कूल नहीं मान रहे हैं. राजधानी लखनऊ में हाई प्रोफाइल विद्यालयों ने इस नियम को दरकिनार कर रखा है. 15 दिन पहले जिला अधिकारी ने सभी विद्यालयों को फटकार लगाते हुए इन बच्चों को अपने विद्यालयों में प्रवेश देने के आदेश दिए थे. जिलाधिकारी की ओर से दिए गए समय सीमा बीतने के बाद भी अभी तक इन विद्यालयों की ओर से बच्चों को प्रवेश देने की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है.
ज्ञात हो कि आरटीई के तहत अभी तक दो चरणों के आवंटन के तहत 12 हजार छात्रों को विद्यालय आवंटन हुए हैं. उसमें 40 फीसदी छात्रों को भी तक प्रवेश नहीं मिल सका है. अभिभावक स्कूल और बीएसए कार्यालय के लगा रहे चक्कर लगा रहे हैं. तीसरे चरण की लॉटरी 23 जून को जारी होनी है. इसमें में करीब चार हजार छात्रों का चयन होना है. जिन्हें प्रवेश दिलाना अभी बाकी है.
15 जून तक देना था प्रवेश
राजधानी के 62 ऐसे स्कूल प्रबंधकों के साथ बैठक कर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कड़ी चेतावनी देते हुए 15 जून तक सभी बच्चों के प्रवेश दिए जाने के निर्देश दिए थे. साथ ही लापरवाही बरतने वाले विद्यालयों के खिलाफ बीएसए को कार्रवाई करने का आदेश दिया था. निर्धारित तिथि बीत चुकी है और बच्चों को प्रवेश नहीं मिल सका है. बीएसए अरुण कुमार ने बताया कि अभी तक करीब 100 एडमिशन की जानकारी ही विद्यालयों से प्राप्त हुई है. सोमवार (19 जून) तक विद्यालयों के रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उसके बाद जिन विद्यालयों ने प्रवेश नहीं दिया होगा उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.
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