लखनऊ : राजधानी में नर्सरी कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया अगले 20 दिनों में शुरू होने वाली है. उससे पहले इस बार सभी विद्यालयों को अपने प्रवेश प्रक्रिया में शासन की ओर से तय किए गए नए नियम को लागू करना होगा. जिसका असर विद्यालयों में प्रवेश के लिए निर्धारित आयु सीमा पर भी देखने को मिलेगा. मिशनरी विद्यालयों में इस बार नर्सरी, लोअर प्रेप और अपर प्रेप कक्षा में प्रवेश को लेकर नियम में बदलाव होंगे.
महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने नई शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत प्रवेश लेने की नई गाइडलाइन जारी की है. ऐसे में मिशनरी विद्यालयों में फॉर्म आने के समय अभिभावकों को गाइडलाइन का ख्याल रखना होगा. एनईपी राजधानी के कई बड़े मिशनरी विद्यालयों जैसे लामार्टिनियर ब्वायज, लामार्टिनियर गर्ल्स, कैथेड्रेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेंट फ्रांसिस समेत कई विद्यालयों में इस साल नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए आयु सीमा बढ़ेगी. वहीं माउंट कारमेल में प्रवेश इसके बिल्कुल अलग होगा, वहां आयु सीमा घटेगी.
मिशनरी विद्यालयों में प्रवेश के लिए आयु सीमा अलग-अलग : राजधानी के बड़े मिशनरी विद्यालयों में नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए अलग-अलग आयु सीमा निर्धारित है. जिस कारण से अभिभावकों को एक ही समय में इन विद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. और उनके पास प्रवेश के लिए अधिक विकल्प नहीं मौजूद होते हैं. जानकारों का कहना है कि राजधानी के प्रतिष्ठित लामार्टिनियर ब्वॉयज विद्यालय में प्रवेश के समय बच्चों की उम्र 3.5 से 4.5 साल, लामार्टिनियर गर्ल्स में 3.1 से 4.1 साल, माउंट कारमेल में 3.7 से 4.7 साल पहले सहित निर्धारित है. इससे अभिभावक चुनिंदा स्कूलों में ही अपने बच्चों का प्रवेश करा पाते हैं. एनईपी-2020 लागू होने से अभिभावक सभी स्कूलों के एक साथ आवेदन कर सकेंगे.
प्री नर्सरी स्कूल एसोसिएशन के सचिव तुषार चेतवानी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने बीते साल दिसंबर में ही नई शिक्षा नीति 2020 के तहत विद्यालयों में प्रवेश के लिए क्या आयु सीमा होनी चाहिए यह निर्धारित कर दिया है. एनईपी-2020 के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के समय बच्चे की आयु एक अप्रैल को 6 वर्ष होनी चाहिए. इससे नर्सरी, लोअर और अपर प्रेप के लिए भी नियम बन गए हैं. नर्सरी के लिए 3-4 साल, प्रवेश लोअर प्रेप के लिए 4-5 साल और अपर प्रेप में 5-6 साल आयु तक प्रवेश लिया जाना है. प्रवेश के समय तीन महीने का ग्रेस पीरियड भी अभिभावकों को मिलेगा.