लखनऊ: राजधानी के मिशनरी स्कूलों में नर्सरी के एडमिशन की प्रक्रिया तेज हो गई है. प्रवेश के लिए साक्षात्कार हो रहे हैं. इस बार स्कूलों में आवेदन की संख्या तो कम है, लेकिन दाखिले के लिए लंबी कतार लगी हुई है. हालांकि आवेदन में कमी को कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है. खास बात यह है कि ज्यादातर मिशनरी स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को अपना लिया है. ऐसे में अभिभावकों को परेशान होने और लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
ला मार्टिनियर बॉयज कॉलेज में नर्सरी कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यहां आवेदन 17 जनवरी तक प्राप्त किए जा सकते हैं. आवेदन फॉर्म कॉलेज की वेबसाइट www.lamartinierelucknow.org से मिलेंगे. वहीं पंजीकरण शुल्क 5,000 निर्धारित है. इसी तरह क्रैचस में गुरुवार से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई है. बता दें कि हजरतगंज स्थित सेंट फ्रांसिस कॉलेज में पिछले वर्ष 200 सीटों पर 1000 आवेदन आए थे, जबकि इस बार यह संख्या 800 पर आकर रुक गई है. इसे साफ जाहिर है कि सेंट फ्रांसिस में एक सीट के 4 दावेदार हैं. इसलिये नर्सरी में एडमिशन के लिए बच्चों को जबरदस्त कंपटीशन से गुजरना होगा. वहीं गोमती नगर के सेंट फ्रांसिस में नर्सरी में 120 सीटों पर करीब 350 आवेदन आए हैं. पिछले वर्ष यह संख्या 700 थी. इसके हिसाब से यहां एक सीट के लगभग तीन दावेदार हैं. इस वर्ष स्कूलों में आए आवेदन की कमी को कोरोना से जोड़कर देखा जा रहा है.
आवेदन आए कम एडमिशन के लिए लंबी दौड़
इस बार सेंट एग्नेस लोरेटो डे स्कूल में 500 आवेदन आए हैं, जबकि पिछले साल 700 आवेदन आए थे. बात करें तो कैथेड्रल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए बीते दिनों आवेदन लिए गए, लेकिन यह आवेदन की प्रक्रिया एक दिन भी नहीं चली और सिर्फ 5 घंटे में ही ऑनलाइन वेबसाइट पर निर्धारित संख्या में आवेदन पूरे हो गए, जिसके बाद वेबसाइट बंद कर दी गई. हालांकि इंदिरा नगर स्थित सेंट डोमिनिक सेवियो में इस बार आवेदन कम आए हैं. स्कूल प्रशासन का कहना है कि बच्चों की संख्या को देखते हुए जून-जुलाई में फिर आवेदन लिए जा सकते हैं. हजरतगंज स्थित कैथ्रेडल स्कूल, महानगर के मॉटफोर्ट इंटर कॉलेज में नर्सरी क्लास में भी दाखिले के लिए बच्चों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है.
बच्चों के बर्ताव को समझने का प्रयास
हजरतगंज के सेंट फ्रांसिस कॉलेज के प्रिंसिपल फादर एल्विन मोरिस के मुताबिक, एडमिशन के लिए बच्चों के बर्ताव को समझने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि साक्षात्कार के दौरान बच्चों से ज्यादा पूछताछ नहीं होती. खास बात यह है कि ज्यादातर मिशनरी स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को अपना लिया है ऐसे में अभिभावकों को परेशान होने और लाइन लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.