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लखनऊ: 961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण, शुरू हुई स्कैनिंग

राजधानी लखनऊ में जिला प्रशासन ने 961 गांवों के नक्शों का डिजिटलीकरण करने का फैसला लिया है. इसके लिए संबंधित विभाग को जिम्मेदारी सौंप दी गई है. राजस्व गांवों की स्कैनिंग का कार्य भी शुरू कर दिया है.

961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण
961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण
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Published : Jun 22, 2020, 9:24 AM IST

लखनऊ: राजधानी में जिला प्रशासन एक बार फिर से 961 राजस्व गांवों के डिजिटलीकरण करने का कार्य शुरू करने जा रहा है. इससे पहले यह कार्य 2016 में शुरू किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक चार चरणों की जांच के बाद ही इन गांवों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण
961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण

चार चरणों में पूरी होगी जांच
अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल सिंह की मानें तो कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में रखे जमीनों के नक्शे बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं. इन जमीनों को डिजिटल बनाने का काम 4 साल पहले भी शुरू किया गया था. इस कार्य को करने के लिए एक प्राइवेट संस्था को जिम्मेदारी दी गई है. किसी प्रकार की गलती न हो, इस वजह से यह जांच चार चरणों में पूरी कराई जाएगी.

शुरु किया जायेगा मिलान
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने जानकारी दी कि सभी नक्शों की स्कैनिंग के बाद ही उनको मिलाने का काम शुरू किया जाएगा. लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदारों को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है. करीब 954 गांवों के नक्शों की स्कैनिंग पूरी भी हो चुकी है. पुराने दस्तावेजों और नक्शों का मिलान किया गया तो पता चला कि अधिकतर नक्शे सही नहीं है. नक्शों की स्कैनिंग के बाद उन्हें खतौनी से लिंक कराया जाएगा. उसके बाद एक बार फिर इनकी जांच की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी में जिला प्रशासन एक बार फिर से 961 राजस्व गांवों के डिजिटलीकरण करने का कार्य शुरू करने जा रहा है. इससे पहले यह कार्य 2016 में शुरू किया गया था. मिली जानकारी के मुताबिक चार चरणों की जांच के बाद ही इन गांवों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा.

961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण
961 राजस्व गांव के नक्शों का होगा डिजिटलीकरण

चार चरणों में पूरी होगी जांच
अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरपाल सिंह की मानें तो कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में रखे जमीनों के नक्शे बहुत ही दयनीय स्थिति में हैं. इन जमीनों को डिजिटल बनाने का काम 4 साल पहले भी शुरू किया गया था. इस कार्य को करने के लिए एक प्राइवेट संस्था को जिम्मेदारी दी गई है. किसी प्रकार की गलती न हो, इस वजह से यह जांच चार चरणों में पूरी कराई जाएगी.

शुरु किया जायेगा मिलान
अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने जानकारी दी कि सभी नक्शों की स्कैनिंग के बाद ही उनको मिलाने का काम शुरू किया जाएगा. लेखपाल, कानूनगो और तहसीलदारों को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है. करीब 954 गांवों के नक्शों की स्कैनिंग पूरी भी हो चुकी है. पुराने दस्तावेजों और नक्शों का मिलान किया गया तो पता चला कि अधिकतर नक्शे सही नहीं है. नक्शों की स्कैनिंग के बाद उन्हें खतौनी से लिंक कराया जाएगा. उसके बाद एक बार फिर इनकी जांच की जाएगी.

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