लखनऊ : बसों में डीजल चोरी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने तैयारी कर ली है. जिसके बाद अब परिवहन निगम की बसों के टैंक में भी डीजल पड़ने के बाद नहीं निकाला जा सकेगा. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'डीजल चोरी की घटनाएं रोकने के लिए टैंक में सेंसरयुक्त डिवाइस लगाई जाएगी. इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी.'
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'रोडवेज प्रशासन भी तकनीक का इस्तेमाल कर डीजल चोरी की घटनाएं रोकेगा. इतना ही नहीं डीज़ल डालते समय रिकॉर्डिंग होगी और ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा, जिसे एप से कंट्रोल किया जाएगा. रोडवेज को यह तकनीक इसलिए अपनानी पड़ रही है क्योंकि बसों से डीजल चोरी धडल्ले से हो रही है.' परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने डीजल चोरी के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन लिया था. कई अधिकारियों पर कार्रवाई की थी कुछ को जेल भी भेजा था. एमडी संजय कुमार का तबादला होते ही अब फिर से बसों से डीजल चोरी की शिकायतें सामने आने लगी हैं. ऐसे में अब हमेशा के लिए समस्या से निजात पाने को रोडवेज प्रशासन रेलवे की तर्ज पर डीजल चोरी की घटनाएं रोकने के लिए इस तरह की तकनीक के इस्तेमाल की तरफ बढ़ रहा है.
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'बसों के टैंक में एक सेंसर युक्त डिवाइस लगाए जाने की तैयारी की जा रही है. यह डिवाइस बस के टैंक से अगर डीजल की मात्रा कम की जाती है तो तत्काल इसकी जानकारी सामने ला देगी. इससे कर्मचारियों के मन में चोरी करने के प्रति भय उत्पन्न होगा. टेक्नोलॉजी से डीजल चोरी को रोकना काफी आसान हो जाएगा. अभी अगर किसी व्यक्ति की ड्यूटी डीजल चोरी न होने पाए, इसके लिए लगा भी दी जाती है तो भी इसकी कोई गारंटी नहीं कि वह खुद ही डीजल चोरों के साथ इंवॉल्व न हो जाता हो. पहले ऐसे कई मामले आ चुके हैं जिसमें डीजल बाबू भी डीजल चोरी करते हुए पकड़े गए हैं.'
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि 'डीजल चोरी रोकने के लिए इस तरह की डिवाइस बसों के टैंक में लगाए जाने की तैयारी है. जल्द ही इसके लिए टेंडर किया जाएगा. इस सेंसर युक्त डिवाइस से डीजल चोरी का पता आसानी से लग जाएगा, जिससे इस तरह की घटनाएं कम हो सकेंगी और परिवहन निगम का नुकसान नहीं होने पाएगा.'
अब टेक्नोलॉजी से रोडवेज में रोकी जाएगी डीजल चोरी, डिवाइस से कंट्रोल होगा सिस्टम
रोडवेज की बसों से डीजल चोरी रोकने के लिए प्रशासन ने नई योजना तैयार की है. बसो के डीजल टैंक में खास तरह का इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगाया गया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Aug 31, 2023, 6:25 AM IST
|Updated : Aug 31, 2023, 8:01 AM IST
लखनऊ : बसों में डीजल चोरी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने तैयारी कर ली है. जिसके बाद अब परिवहन निगम की बसों के टैंक में भी डीजल पड़ने के बाद नहीं निकाला जा सकेगा. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'डीजल चोरी की घटनाएं रोकने के लिए टैंक में सेंसरयुक्त डिवाइस लगाई जाएगी. इसके लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी.'
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'रोडवेज प्रशासन भी तकनीक का इस्तेमाल कर डीजल चोरी की घटनाएं रोकेगा. इतना ही नहीं डीज़ल डालते समय रिकॉर्डिंग होगी और ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा, जिसे एप से कंट्रोल किया जाएगा. रोडवेज को यह तकनीक इसलिए अपनानी पड़ रही है क्योंकि बसों से डीजल चोरी धडल्ले से हो रही है.' परिवहन निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने डीजल चोरी के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन लिया था. कई अधिकारियों पर कार्रवाई की थी कुछ को जेल भी भेजा था. एमडी संजय कुमार का तबादला होते ही अब फिर से बसों से डीजल चोरी की शिकायतें सामने आने लगी हैं. ऐसे में अब हमेशा के लिए समस्या से निजात पाने को रोडवेज प्रशासन रेलवे की तर्ज पर डीजल चोरी की घटनाएं रोकने के लिए इस तरह की तकनीक के इस्तेमाल की तरफ बढ़ रहा है.
परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि 'बसों के टैंक में एक सेंसर युक्त डिवाइस लगाए जाने की तैयारी की जा रही है. यह डिवाइस बस के टैंक से अगर डीजल की मात्रा कम की जाती है तो तत्काल इसकी जानकारी सामने ला देगी. इससे कर्मचारियों के मन में चोरी करने के प्रति भय उत्पन्न होगा. टेक्नोलॉजी से डीजल चोरी को रोकना काफी आसान हो जाएगा. अभी अगर किसी व्यक्ति की ड्यूटी डीजल चोरी न होने पाए, इसके लिए लगा भी दी जाती है तो भी इसकी कोई गारंटी नहीं कि वह खुद ही डीजल चोरों के साथ इंवॉल्व न हो जाता हो. पहले ऐसे कई मामले आ चुके हैं जिसमें डीजल बाबू भी डीजल चोरी करते हुए पकड़े गए हैं.'
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) व प्रवक्ता अजीत सिंह का कहना है कि 'डीजल चोरी रोकने के लिए इस तरह की डिवाइस बसों के टैंक में लगाए जाने की तैयारी है. जल्द ही इसके लिए टेंडर किया जाएगा. इस सेंसर युक्त डिवाइस से डीजल चोरी का पता आसानी से लग जाएगा, जिससे इस तरह की घटनाएं कम हो सकेंगी और परिवहन निगम का नुकसान नहीं होने पाएगा.'