लखनऊ: कानपुर पुलिस लाइन की बैरक की छत सोमवार को गिर गई. इस घटना में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई. मौके पर पहुंचे एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि अधिक बारिश के चलते छत पर बारिश का पानी भर गया था. बिल्डिंग जर्जर हालत में थी, जिसके चलते छत भरभरा कर गिर गई. इस घटना में पुलिसकर्मी अरविंद की मौत हो गई और 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
घटना के बाद भले ही एसएसपी प्रीतिंदर सिंह ने जांच के निर्देश दिए हों, लेकिन जिस तरह से जर्जर बिल्डिंग में पुलिस कर्मचारी रह रहे थे और बरसात के मौसम में जर्जर बिल्डिंग की छत पर पानी जमा हो रहा था, ऐसे में कहा जा सकता है कि आला अधिकारियों की ओर से लापरवाही की गई है. बरसात के मौसम में जर्जर बिल्डिंग के गिरने की संभावना अधिक रहती हैं. फिर भी कानपुर की इस जर्जर बिल्डिंग की मरम्मत का कार्य समय रहते नहीं किया गया. ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता है.
बता दें कि एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने पदभार ग्रहण करने के कुछ दिन बाद 6 जुलाई 2020 को लखनऊ और नोएडा के पुलिस कमिश्नर सहित सभी जिलों के कप्तानों को पत्र लिख कर जर्जर बिल्डिंग के संदर्भ में निर्देश जारी किए थे. एडीजी कानून व्यवस्था ने पत्र लिखकर बरसात के मौसम में जर्जर बिल्डिंगों में पानी न जमा होने देने की बात कही थी. पत्र में यह भी कहा गया था कि जो बिल्डिंग जर्जर है वहां पर पुलिस कर्मचारियों के ठहरने की व्यवस्था न की जाए, उन्हें अन्य जगह ठहराया जाए. जो बिल्डिंग जर्जर हैं उनकी मरम्मत की जाए.
अपने पत्र में एडीजी ने छतों पर पानी जमा होने से बीमारियों के फैलने की संभावना भी जताई थी. ऐसे में छतों में पानी न जमा होने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन एडीजी कानून व्यवस्था के इन निर्देशों की अनदेखी की जा रही है. एडीजी कानून व्यवस्था के निर्देशों का पालन न करने का ही नतीजा है कि कानपुर में सोमवार को पुलिस लाइन की जर्जर बिल्डिंग गिर गई, जिसमें एक पुलिस कर्मचारी की मृत्यु हो गई और 3 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए.