लखनऊ: राजधानी सहित प्रदेश में विवाह और धार्मिक आयोजनों को लेकर गुरुवार को प्रदेश सरकार ने किसी भी अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया. वहीं गुरुवार को एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रदेश के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोविड प्रोटोकाॅल के नाम पर पुलिस किसी को प्रताड़ित न करें. साथ ही पुलिस इंस्पेक्टर राज को भी चलाने की कोशिश नहीं करेगी. निर्देश में यह भी कहा गया है कि उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में भी कोविड प्रोटोकाॅल के पालन की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है.
उच्च न्यायालय ने मांगी है पुलिस से रिपोर्ट
कोरोना के बढ़ते मामले और दूसरी तरफ शादी- विवाह के आयोजनों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के पालन को लेकर उच्च न्यायालय ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी है. न्यायालय की ओर से पुलिस से पूछा गया है कि किस तरह से इन आयोजनों में कोविड प्रोटोकाॅल का पालन किया जाएगा.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर किसी भी तरीके के आयोजन में पुलिस किसी को भी प्रताड़ित नहीं करेगी और न ही इंस्पेक्टर राज चलाने की कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि शासन और कोर्ट की मंशा के अनुरूप कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना हम सब की जिम्मेदारी है.