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महिला कर्मचारियों का आरोप, तैनाती के नाम पर पुलिस अधिकारी करते हैं शोषण

राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिला कर्मियों के कथित शोषण की जांच को लेकर डीजीपी को पत्र लिखा गया है. पत्र में कहा गया है कि पुलिस रेडियो मुख्यालय की महिला कर्मचारियों से तैनाती को लेकर सौदेबाजी की जाती है. इस संबंध में एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने भी जांच की मांग की है.

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पुलिस रेडियो मुख्यालय उत्तर प्रदेश.
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Published : Sep 8, 2020, 7:31 PM IST

लखनऊ : महिला कर्मचारी परिचालक कल्याण समिति ने पुलिस रेडियो मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नाम से डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को पत्र लिखा है. गोपनीय जांच की मांग को लेकर लिखा गया एक पत्र इस समय पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस रेडियो मुख्यालय की महिला कर्मचारियों ने विभाग के आला अधिकारियों पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए गोपनीय जांच के लिए पत्र लिखा है.

महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि नई उम्र की महिला कर्मचारियों की वायरलेस मुख्यालय से डायल 112 में ड्यूटी लगाई जाती है. बाद में उन्हें मुख्यालय वापस बुलाने के नाम पर उनका शोषण किया जाता है. पत्र के सामने आने के बाद समाजसेवी और अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने इस विषय को अत्यंत गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है.

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महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र.
वहीं दूसरी ओर एडीजी दूरसंचार सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि इस संदर्भ में जानकारी मिली थी, जिसके बाद इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी के तहत इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. आंतरिक शिकायत समिति की प्रतिनिधि डीआईजी सुनीता शर्मा को जांच की जिम्मेदारी दी गई है.
  • पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिला कर्मियों के कथित शोषण का मामला आया सामने
  • डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को महिला सहायक परिचालक ने लिखा पत्र
  • एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच करने की मांग की
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    महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र.

सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि रेडियो मुख्यालय में तैनात कर्मचारियों की ड्यूटी डायल 112 सहित पूरे उत्तर प्रदेश में जहां आवश्यकता होती है, वहां पर लगाई जाती है. ड्यूटी का समय दो वर्ष का होता है. डायल 112 में भी दो वर्ष के लिए ड्यूटी लगाई जाती है. लोग वहां पर अच्छा काम करते हैं तो उन्हें ज्यादा दिनों के लिए रखा जाता है. एडीजी डायल 112 के आग्रह और उनके पत्र के आधार पर ड्यूटी लगाई व हटाई भी जाती है. बीते दिनों असीम अरुण ने 20 कर्मचारियों की ड्यूटी हटाए जाने के संबंध में पत्र लिखा था. इस दौरान एडीजी दूरसंचार ने बताया कि पद पर एक महिला कर्मचारी का नाम लिखा है. उससे शिकायत के संदर्भ में पूछताछ की गई थी तो उसने इस बात से इनकार किया है कि उसने यह पत्र लिखा है. अब विभिन्न पहलुओं पर विभाग जांच कर रहा है.


प्रधान परिचालक के पद पर कार्य कर रही महिला कर्मचारी ने लिखा पत्र
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को लिखे गए पत्र में लिखा गया है कि मैं महिला कर्मचारी पुलिस वायरलेस मुख्यालय में सहायक परिचालक पद पर भर्ती हुई थी. वर्तमान में प्रधान परिचालक के पद पर कार्य कर रही हूं. पुलिस रेडियो विभाग में महिला कर्मचारियों के लिए अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है. इसका फायदा उठाकर इस विभाग में महिला कर्मियों का खुलेआम शारीरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है. नई महिलाओं की ड्यूटी यूपी डायल 112 में लगाई जाती है. फिर उनसे रेडियो मुख्यालय वापस आने के लिए सौदेबाजी की जाती है. सौदेबाजी में शारीरिक शोषण का दबाव बनाया जाता है. पत्र में यह भी लिखा है कि इस व्यवहार के चलते तीन लड़कियां आत्महत्या कर चुकी हैं और भी कई आत्महत्या करने को मजबूर हैं. यह पत्र 18 अगस्त 2020 को लिखा गया था.

इस पत्र के संदर्भ में ईटीवी भारत ने एडीजी डायल 112 असीम अरुण से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह रेडियो मुख्यालय विभाग का आंतरिक मामला है. रेडियो मुख्यालय के कुछ कर्मचारी यहां काम करते हैं. उनकी ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी विभाग की है.

लखनऊ : महिला कर्मचारी परिचालक कल्याण समिति ने पुलिस रेडियो मुख्यालय उत्तर प्रदेश के नाम से डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को पत्र लिखा है. गोपनीय जांच की मांग को लेकर लिखा गया एक पत्र इस समय पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है. पुलिस रेडियो मुख्यालय की महिला कर्मचारियों ने विभाग के आला अधिकारियों पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए गोपनीय जांच के लिए पत्र लिखा है.

महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि नई उम्र की महिला कर्मचारियों की वायरलेस मुख्यालय से डायल 112 में ड्यूटी लगाई जाती है. बाद में उन्हें मुख्यालय वापस बुलाने के नाम पर उनका शोषण किया जाता है. पत्र के सामने आने के बाद समाजसेवी और अधिवक्ता नूतन ठाकुर ने इस विषय को अत्यंत गंभीर बताते हुए जांच की मांग की है.

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महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र.
वहीं दूसरी ओर एडीजी दूरसंचार सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि इस संदर्भ में जानकारी मिली थी, जिसके बाद इंटरनल कंप्लेंट्स कमिटी के तहत इस पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. आंतरिक शिकायत समिति की प्रतिनिधि डीआईजी सुनीता शर्मा को जांच की जिम्मेदारी दी गई है.
  • पुलिस रेडियो मुख्यालय में कार्यरत महिला कर्मियों के कथित शोषण का मामला आया सामने
  • डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को महिला सहायक परिचालक ने लिखा पत्र
  • एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच करने की मांग की
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    महिला कर्मियों के साथ शोषण की जांच को लेकर डीजीपी को लिखा पत्र.

सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि रेडियो मुख्यालय में तैनात कर्मचारियों की ड्यूटी डायल 112 सहित पूरे उत्तर प्रदेश में जहां आवश्यकता होती है, वहां पर लगाई जाती है. ड्यूटी का समय दो वर्ष का होता है. डायल 112 में भी दो वर्ष के लिए ड्यूटी लगाई जाती है. लोग वहां पर अच्छा काम करते हैं तो उन्हें ज्यादा दिनों के लिए रखा जाता है. एडीजी डायल 112 के आग्रह और उनके पत्र के आधार पर ड्यूटी लगाई व हटाई भी जाती है. बीते दिनों असीम अरुण ने 20 कर्मचारियों की ड्यूटी हटाए जाने के संबंध में पत्र लिखा था. इस दौरान एडीजी दूरसंचार ने बताया कि पद पर एक महिला कर्मचारी का नाम लिखा है. उससे शिकायत के संदर्भ में पूछताछ की गई थी तो उसने इस बात से इनकार किया है कि उसने यह पत्र लिखा है. अब विभिन्न पहलुओं पर विभाग जांच कर रहा है.


प्रधान परिचालक के पद पर कार्य कर रही महिला कर्मचारी ने लिखा पत्र
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी को लिखे गए पत्र में लिखा गया है कि मैं महिला कर्मचारी पुलिस वायरलेस मुख्यालय में सहायक परिचालक पद पर भर्ती हुई थी. वर्तमान में प्रधान परिचालक के पद पर कार्य कर रही हूं. पुलिस रेडियो विभाग में महिला कर्मचारियों के लिए अलग से स्थानांतरण नीति नहीं बनी है. इसका फायदा उठाकर इस विभाग में महिला कर्मियों का खुलेआम शारीरिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है. नई महिलाओं की ड्यूटी यूपी डायल 112 में लगाई जाती है. फिर उनसे रेडियो मुख्यालय वापस आने के लिए सौदेबाजी की जाती है. सौदेबाजी में शारीरिक शोषण का दबाव बनाया जाता है. पत्र में यह भी लिखा है कि इस व्यवहार के चलते तीन लड़कियां आत्महत्या कर चुकी हैं और भी कई आत्महत्या करने को मजबूर हैं. यह पत्र 18 अगस्त 2020 को लिखा गया था.

इस पत्र के संदर्भ में ईटीवी भारत ने एडीजी डायल 112 असीम अरुण से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि यह रेडियो मुख्यालय विभाग का आंतरिक मामला है. रेडियो मुख्यालय के कुछ कर्मचारी यहां काम करते हैं. उनकी ड्यूटी लगाने की जिम्मेदारी विभाग की है.

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