लखनऊ. दिवाली पर जलने वाले पटाखों के प्रदूषण से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने स्तर से तैयारियों में जुट गया है. इसी क्रम में पटाखों से होने वाले प्रदूषण को कम करने औॅर रोक लगाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (uttar pradesh pollution control board) ने एडवाइजरी जारी कर बेरियम साल्ट रहित पटाखों को जलाने की अनुमित दी है. इसके अलावा शांत स्थानों पर पटाखों को जलाने का आग्रह किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (pollution control board ) ने स्कूल प्रबंधकों से छात्रों को पटाखे रहित दीवाली मनाने के लिए प्रेरित करने की अपील की है.
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (uttar pradesh pollution control board) की एडवाइजरी के अनुसार ज्यादा शोर वाले पटाखे जलाने के साथ भीड़ भाड़, अस्पतालों आदि संवेदनशील स्थानों के आसपास पटाखे न जलाने की अपील की है. इसके अलावा मानक के अनुसार निर्मित पटाखे ही जलाने की अपील की है. इसके अलावा स्कूल, न्यायालय, धार्मिक स्थानों पर पटाखे न जलाने की हिदायत दी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लोगों से पटाखे रहित दिवाली मनाने के साथ ही एनजीओ और स्कूल प्रबंधकों से लोगों को जागरूक करने के लिए आग्रह किया है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक 125 डीबी (एआई) या 145 डीबी (सी) पीके से अधिक शोर करने वाले पटाखों के निर्माण व उपयोग पर रोक लगाई गई है. जिसके चलते अधिक शोर करने वाले पटाखों का निर्माण का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित है. प्रतिबंधित और ज्यादा शोर वाले पटाखे बेचने वालों पर प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एडवाइजरी के अनुसार प्रदेश में अवैध रूप से पटाखों की बिक्री और निर्माण करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही जिन लोगों को पटाखा निर्माण व बिक्री करने वालों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. दीपावली के मौके पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसके लिए अग्निशमन विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है. इसके अलावा अवैध रूप से पटाखा निर्माण और बेचने पर रोक लगाने के लिए क्षेत्रीय पुलिस, खुफिया पुलिस को अलर्ट किया गया है. साथ ही दीपावली के दिन होने वाली दुर्घटनों से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है.
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