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पीएम स्वनिधि योजना में लापरवाही पर तीन परियोजना अधिकारी हटाए गए

कोरोना संकट के बाद स्ट्रीट वेंडर्स (street vendors) को दोबारा कारोबार शुरू करने के लोन देने की केंद्र सरकार की पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Scheme) में लापरवाही बरतने वाले तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही कई अधिकारियों को चेतवानी भी दी गई है.

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सूडा
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Published : Jun 11, 2021, 8:35 AM IST

लखनऊ: स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने कर उन्हें अत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Scheme) में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन परियोजना अधिकारियों पर गाज गिरी है. पीएम स्वनिधि योजना के राज्य परियोजना निदेशक और सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने तीनों अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग में भी वापस भेज दिया है.



इन अधिकारियों पर गिरी गाज

योजना के राज्य परियोजना निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना (Prime Minister Street Vendors Svanidhi Yojana) के अंतर्गत लोन देने में लापरवाही की शिकायत मिलने पर तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस मामले में अयोध्या की परियोजना अधिकारी यामिनी पटेल, आजमगढ़ के परियोजना अधिकारी अरविंद कुमार पांडे व मेरठ के परियोजना प्रबंधक आशीष सिंह को पद से हटाकर उन्हें उनके मूल विभाग में भेजा गया है.

योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जा रहा लोन
आपको बता दें कि, कोरोना संकट के कारण देश में पिछले साल हुए लॉकडाउन (Lockdown ) के बाद केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स को दोबारा अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत पटरी दुकानदारों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये का लोन देने का प्रावधान है. योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 9 लाख 55 हजार स्ट्रीट वेंडरों की सूची तैयार की गई है. इनमें से 9 लाख 47 हजार 870 स्ट्रीट वेंडरों ने लोन लेने के लिए आवेदन किया है. अब तक 6 लाख 30 हजार 473 स्ट्रीट वेंडर्स के लोन को मंजूरी दी गई है, साथ ही 5 लाख 68 हजार 629 स्ट्रीट वेंडर्स को लोन उपलब्ध भी करा दिया गया है.

इसे भी पढ़ें : दिल्ली में योगी : मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी या असंतोष दबाने की कवायद?


परियोजना निदेशक उमेश सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के मुताबिक स्ट्रीट वेंडर्स को लोन का लाभ दिया जा रहा है. इसके मद्देनजर योजना के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा की जा रही है. 3 जिलों में संतोषजनक स्थिति ना मिलने पर परियोजना अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा जहां पर कुछ और लापरवाही बरती जा रही है, उन अधिकारियों को भी चेतावनी दी गई है.

लखनऊ: स्ट्रीट वेंडर्स को लोन देने कर उन्हें अत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Scheme) में लापरवाही बरतने के आरोप में तीन परियोजना अधिकारियों पर गाज गिरी है. पीएम स्वनिधि योजना के राज्य परियोजना निदेशक और सूडा निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने तीनों अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें उनके मूल विभाग में भी वापस भेज दिया है.



इन अधिकारियों पर गिरी गाज

योजना के राज्य परियोजना निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना (Prime Minister Street Vendors Svanidhi Yojana) के अंतर्गत लोन देने में लापरवाही की शिकायत मिलने पर तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस मामले में अयोध्या की परियोजना अधिकारी यामिनी पटेल, आजमगढ़ के परियोजना अधिकारी अरविंद कुमार पांडे व मेरठ के परियोजना प्रबंधक आशीष सिंह को पद से हटाकर उन्हें उनके मूल विभाग में भेजा गया है.

योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जा रहा लोन
आपको बता दें कि, कोरोना संकट के कारण देश में पिछले साल हुए लॉकडाउन (Lockdown ) के बाद केंद्र सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स को दोबारा अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत पटरी दुकानदारों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये का लोन देने का प्रावधान है. योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 9 लाख 55 हजार स्ट्रीट वेंडरों की सूची तैयार की गई है. इनमें से 9 लाख 47 हजार 870 स्ट्रीट वेंडरों ने लोन लेने के लिए आवेदन किया है. अब तक 6 लाख 30 हजार 473 स्ट्रीट वेंडर्स के लोन को मंजूरी दी गई है, साथ ही 5 लाख 68 हजार 629 स्ट्रीट वेंडर्स को लोन उपलब्ध भी करा दिया गया है.

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परियोजना निदेशक उमेश सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा के मुताबिक स्ट्रीट वेंडर्स को लोन का लाभ दिया जा रहा है. इसके मद्देनजर योजना के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा की जा रही है. 3 जिलों में संतोषजनक स्थिति ना मिलने पर परियोजना अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इसके अलावा जहां पर कुछ और लापरवाही बरती जा रही है, उन अधिकारियों को भी चेतावनी दी गई है.

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