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कमर्चारियों के आश्रितों की पत्रावलियों पर नहीं हो रहा काम, आवास आयुक्त ने जताई नाराजगी

कोरोना से मरने वाले कमर्चारियों की आश्रित पत्रावलियों पर काम न होने से नाराज आवास आयुक्त ने अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई. बता दें कि उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के भी 32 कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है. जिसमें से 24 कर्मचारी नियमित और आठ वर्कचार्ज के हैं.

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Published : Jun 2, 2021, 6:58 AM IST

आवास आयुक्त ने जताई नाराजगी
आवास आयुक्त ने जताई नाराजगी

लखनऊ: सरकारी विभागों में कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों की पत्रावलियों पर काम नहीं हो रहा है.विभाग से उन्हें पेंशन,अन्य देयक और नौकरी के लिए दौड़ना पड़ रहा है. जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से परिवारीजनों को गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है.इसको लेकर आवास विकास परिषद के आवास आयुक्त अजय चौहान ने मंगलवार को देर शाम ऑनलाइन बैठक की. बैठक में नाराजगी जताते हुए उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई. इस दौरान उन्होंने जानकारी ली कि कितने मृतक आश्रितों के परिजनों को अभी तक पीएफ का भुगतान हुआ है और कितनों को नहीं. उन्हें अवगत कराया गया कि 32 कर्मियों की कोरोनाकाल में मौत हुई है, जबकि सिर्फ दो कर्मचारियों के मामलों में कार्रवाई हुई है.


सीएम के निर्देश के बाद सक्रिय हुए हैं अफसर
मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद सभी विभागों ने कोरोना के संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के सभी देयकों के भुगतान का काम शुरू कर दिया है. उनके परिजनों की नौकरी और पेंशन देने की फाइलों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के भी 32 कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है. जिसमें से 24 कर्मचारी नियमित और आठ वर्कचार्ज के हैं. आवास आयुक्त ने अधिकारियों को अगले रविवार तक का समय दिया है. कुछ मृतक कर्मचारियों के परिवारीजनों ने आवास विकास परिषद में मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जमा किया है, इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. आवास आयुक्त ने ऐसे कर्मचारियों के परिजनों को फोन कर सभी दस्तावेज मंगाने का निर्देश दिया है.


32 कर्मचारियों का हुआ निधन
कोरोना से उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के भी 32 कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है. जिनमें राम अवतार, मनीष जोशी, संजय कुमार, राम किशन सिंह, जैनुल आबदीन, किशोरी लाल, पूनम लता रघुवंशी, अंजू, इरशाद हुसैन, राम प्रताप, वाहिद अली, राजेंद्र प्रसाद, श्रवण सिंह, जौहरी गौतम, गणेश चंद्र जैन, बृजपाल सिंह, सरोज सिंह, भगवती प्रसाद, चंद्रमा राम, सुनील श्रीवास्तव, नीलम दुबे, शिव कैलाश, मुकेश यादव, सर्वा प्रसाद सिंह, सुभाष कुमार रावत, अजय कुमार, कृष्ण कुमार, मोहम्मद अजीम, रामशरण यादव, रामकुमार तथा मनोज दुबे शामिल हैं.

गोमतीनगर विस्तार में उखाड़े गए पेड़
गोमती नगर विस्तार में पौधरोपण के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण का खेल उजागर हुआ है. यहां सतलज शिप्रा अपार्टमेंट के बाहर एलडीए की ओर से ग्रीन बेल्ट में पौधे लगाए गए थे. मंगलवार को इन्हें उखाड़ा जाने लगा. आरोप है कि दूसरी जगह पौधे लगाकर बजट का खेल किया जाएगा. आवंटियों के पूछे जाने पर ठेकेदार और कर्मचारियों ने सही जवाब भी नहीं दिया. इस मामले की शिकायत एलडीए के उपाध्यक्ष से की गई है.

जन कल्याण महासमिति ने की शिकायत
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे की ओर से एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश को शिकायत दर्ज करायी गयी है. उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट में लगभग 50 पौधे लगाए गए थे. मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे इन्हें उखाड़ कर ट्राली में भरकर ले जाया गया. पौधे ही नहीं ट्री गार्ड भी साथ में ले गए. हालांकि एलडीए के इंजीनियर की ओर कहा गया कि ट्री गार्ड समेत पौधे उखाडे जाने की बात गलत है. वहां बबूल के पेड़ लगे थे जिनकी जगह पर मौलश्री के पौधे लगाए गए हैं.

लखनऊ: सरकारी विभागों में कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों की पत्रावलियों पर काम नहीं हो रहा है.विभाग से उन्हें पेंशन,अन्य देयक और नौकरी के लिए दौड़ना पड़ रहा है. जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही से परिवारीजनों को गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है.इसको लेकर आवास विकास परिषद के आवास आयुक्त अजय चौहान ने मंगलवार को देर शाम ऑनलाइन बैठक की. बैठक में नाराजगी जताते हुए उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई. इस दौरान उन्होंने जानकारी ली कि कितने मृतक आश्रितों के परिजनों को अभी तक पीएफ का भुगतान हुआ है और कितनों को नहीं. उन्हें अवगत कराया गया कि 32 कर्मियों की कोरोनाकाल में मौत हुई है, जबकि सिर्फ दो कर्मचारियों के मामलों में कार्रवाई हुई है.


सीएम के निर्देश के बाद सक्रिय हुए हैं अफसर
मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश के बाद सभी विभागों ने कोरोना के संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के सभी देयकों के भुगतान का काम शुरू कर दिया है. उनके परिजनों की नौकरी और पेंशन देने की फाइलों पर कार्रवाई शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के भी 32 कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है. जिसमें से 24 कर्मचारी नियमित और आठ वर्कचार्ज के हैं. आवास आयुक्त ने अधिकारियों को अगले रविवार तक का समय दिया है. कुछ मृतक कर्मचारियों के परिवारीजनों ने आवास विकास परिषद में मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं जमा किया है, इसलिए उन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है. आवास आयुक्त ने ऐसे कर्मचारियों के परिजनों को फोन कर सभी दस्तावेज मंगाने का निर्देश दिया है.


32 कर्मचारियों का हुआ निधन
कोरोना से उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के भी 32 कर्मचारियों का कोरोना से निधन हुआ है. जिनमें राम अवतार, मनीष जोशी, संजय कुमार, राम किशन सिंह, जैनुल आबदीन, किशोरी लाल, पूनम लता रघुवंशी, अंजू, इरशाद हुसैन, राम प्रताप, वाहिद अली, राजेंद्र प्रसाद, श्रवण सिंह, जौहरी गौतम, गणेश चंद्र जैन, बृजपाल सिंह, सरोज सिंह, भगवती प्रसाद, चंद्रमा राम, सुनील श्रीवास्तव, नीलम दुबे, शिव कैलाश, मुकेश यादव, सर्वा प्रसाद सिंह, सुभाष कुमार रावत, अजय कुमार, कृष्ण कुमार, मोहम्मद अजीम, रामशरण यादव, रामकुमार तथा मनोज दुबे शामिल हैं.

गोमतीनगर विस्तार में उखाड़े गए पेड़
गोमती नगर विस्तार में पौधरोपण के नाम पर लखनऊ विकास प्राधिकरण का खेल उजागर हुआ है. यहां सतलज शिप्रा अपार्टमेंट के बाहर एलडीए की ओर से ग्रीन बेल्ट में पौधे लगाए गए थे. मंगलवार को इन्हें उखाड़ा जाने लगा. आरोप है कि दूसरी जगह पौधे लगाकर बजट का खेल किया जाएगा. आवंटियों के पूछे जाने पर ठेकेदार और कर्मचारियों ने सही जवाब भी नहीं दिया. इस मामले की शिकायत एलडीए के उपाध्यक्ष से की गई है.

जन कल्याण महासमिति ने की शिकायत
लखनऊ जन कल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे की ओर से एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश को शिकायत दर्ज करायी गयी है. उन्होंने कहा कि ग्रीन बेल्ट में लगभग 50 पौधे लगाए गए थे. मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे इन्हें उखाड़ कर ट्राली में भरकर ले जाया गया. पौधे ही नहीं ट्री गार्ड भी साथ में ले गए. हालांकि एलडीए के इंजीनियर की ओर कहा गया कि ट्री गार्ड समेत पौधे उखाडे जाने की बात गलत है. वहां बबूल के पेड़ लगे थे जिनकी जगह पर मौलश्री के पौधे लगाए गए हैं.

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