ETV Bharat / state

लखनऊ: एसिड अटैक सर्वाइवर ने राजनीतिक दलों से मांग का निकाला नया तरीका

जिंदगी में तेजाबी हमले झेलने के बाद समाज में खुद को नए सिरे से स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही यह पीड़िताएं इतना ही चाहती हैं कि इनके लिए बनाए गए नियमों को सही तरह से लागू कर पालन कर दिया जाए ताकि वह अपना जीवन थोड़ा सहज कर सकें.

एसिड अटैक सर्वाइवर ने राजनीतिक दलों से मांग का निकाला नया तरीका.
author img

By

Published : Apr 19, 2019, 12:23 PM IST

लखनऊ: चुनावी दौर में अपनी मांगों को सामने रखने में कोई भी तबका पीछे नहीं है. ऐसे में एसिड अटैक सर्वाइवर ने भी राजनीतिक दलों को अपनी मांगों से अवगत कराने का एक नया तरीका खोज निकाला है. लखनऊ स्थित शीरोज कैफे का संचालन एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा ही किया जाता है. ऐसे में उन्होंने अपनी मांगों को रखने का मंच ही कैफे को बना लिया है.

  • गोमती नगर स्थित शीरोज हैंग आउट कैफे में चारों ओर आयताकार बैनर और होर्डिंग लगे हुए हैं.
  • इनमें हैशटैग जागो चुनाव है के साथ एसिड अटैक पीड़ितों के मांगे लिखी हुई हैं.
  • इसके अलावा को आने वाले ग्राहकों के बीच भी अपनी मांगों का प्रचार कर रही है.
    एसिड अटैक सर्वाइवर ने राजनीतिक दलों से मांग का निकाला नया तरीका.

जिंदगी में तेजाबी हमले झेलने के बाद समाज में खुद को नए सिरे से स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही यह पीड़िताएं इतना ही चाहती हैं कि इनके लिए बनाए गए नियमों को सही तरह से लागू कर पालन कर दिया जाए ताकि वह अपना जीवन थोड़ा सहज कर सकें. वह चाहती हैं कि कोई भी सरकार आए, लेकिन उनकी मांगों पर अमल जरूर करें. उनकी मांगें इतनी भर हैं कि उन पर कोई फब्तियां कसीं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार उन्हें सरकारी नौकरियों में तरजीह दी जाए. इसके अलावा एसिड अटैक के बाद स्वास्थ्य के मोर्चे पर पैदा होने वाली समस्याओं और जटिलताओं से निपटने के लिए भी यह एम्स और एसजी पीजीआई जैसे उच्च स्तरीय संस्थानों में इलाज की सुविधा और बेहतर व्यवस्था की मांग भी सरकार से कर रही है.

इस बाबत शीरोज हैंग आउट कैफे के संचालन में छांव फाउंडेशन के सदस्य रोहित कहते हैं कि हमारा मुद्दा बस यह है कि सरकार कोई भी हो लेकिन एसिड अटैक सरवाइवर्स की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाएं और उनको सुविधाएं देने वाले वादों को पूरा किया जाए ताकि यह लोग भी अपने जीवन में सहजता ला सकें.

लखनऊ: चुनावी दौर में अपनी मांगों को सामने रखने में कोई भी तबका पीछे नहीं है. ऐसे में एसिड अटैक सर्वाइवर ने भी राजनीतिक दलों को अपनी मांगों से अवगत कराने का एक नया तरीका खोज निकाला है. लखनऊ स्थित शीरोज कैफे का संचालन एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा ही किया जाता है. ऐसे में उन्होंने अपनी मांगों को रखने का मंच ही कैफे को बना लिया है.

  • गोमती नगर स्थित शीरोज हैंग आउट कैफे में चारों ओर आयताकार बैनर और होर्डिंग लगे हुए हैं.
  • इनमें हैशटैग जागो चुनाव है के साथ एसिड अटैक पीड़ितों के मांगे लिखी हुई हैं.
  • इसके अलावा को आने वाले ग्राहकों के बीच भी अपनी मांगों का प्रचार कर रही है.
    एसिड अटैक सर्वाइवर ने राजनीतिक दलों से मांग का निकाला नया तरीका.

जिंदगी में तेजाबी हमले झेलने के बाद समाज में खुद को नए सिरे से स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही यह पीड़िताएं इतना ही चाहती हैं कि इनके लिए बनाए गए नियमों को सही तरह से लागू कर पालन कर दिया जाए ताकि वह अपना जीवन थोड़ा सहज कर सकें. वह चाहती हैं कि कोई भी सरकार आए, लेकिन उनकी मांगों पर अमल जरूर करें. उनकी मांगें इतनी भर हैं कि उन पर कोई फब्तियां कसीं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार उन्हें सरकारी नौकरियों में तरजीह दी जाए. इसके अलावा एसिड अटैक के बाद स्वास्थ्य के मोर्चे पर पैदा होने वाली समस्याओं और जटिलताओं से निपटने के लिए भी यह एम्स और एसजी पीजीआई जैसे उच्च स्तरीय संस्थानों में इलाज की सुविधा और बेहतर व्यवस्था की मांग भी सरकार से कर रही है.

इस बाबत शीरोज हैंग आउट कैफे के संचालन में छांव फाउंडेशन के सदस्य रोहित कहते हैं कि हमारा मुद्दा बस यह है कि सरकार कोई भी हो लेकिन एसिड अटैक सरवाइवर्स की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाएं और उनको सुविधाएं देने वाले वादों को पूरा किया जाए ताकि यह लोग भी अपने जीवन में सहजता ला सकें.

Intro:लखनऊ। चुनावी दौर में अपनी मांगों को सामने रखने में कोई भी तबका पीछे नहीं है। ऐसे में एसिड अटैक सर्वाइवर ने भी राजनीतिक दलों को अपनी मांगों से अवगत कराने का एक नया तरीका खोज निकाला है। लखनऊ स्थित शीरोज कैफे का संचालन एसिड अटैक पीड़ितों द्वारा ही किया जाता है। ऐसे में उन्होंने अपनी मांगों को रखने का मंच ही कैफे को बना लिया है।


Body:वीओ1
गोमती नगर स्थित शीरोज हैंग आउट कैफे में चारों ओर आयताकार बैनर और होर्डिंग लगे हुए हैं जिसमें हैशटैग जागो चुनाव है के साथ एसिड अटैक पीड़ितों के मांगे लिखी हुई हैं। इसके अलावा को आने वाले ग्राहकों के बीच भी अपनी मांगों का प्रचार कर रही है। जिंदगी में तेजाबी हमले झेलने के बाद समाज में खुद को नए सिरे से स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही यह पीड़िताएं इतना ही चाहती हैं कि इनके लिए बनाए गए नियमों को सही तरह से लागू कर पालन कर दिया जाए ताकि वह अपना जीवन थोड़ा सहज कर सकें। वह चाहती हैं कि कोई भी सरकार आए लेकिन उनकी मांगों पर अमल जरूर करें। उनकी मांगे इतनी भर है कि उन पर कोई फब्तियां कसी तो उन्हें कड़ी सजा दी जाए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार उन्हें सरकारी नौकरियों में तरजीह दी जाए। इसके अलावा एसिड अटैक के बाद स्वास्थ्य के मोर्चे पर पैदा होने वाली समस्याओं और जटिलताओं से निपटने के लिए भी यह एम्स और एसजी पीजीआई जैसे उच्च स्तरीय संस्थानों में इलाज की सुविधा और बेहतर व्यवस्था की मांग भी सरकार से कर रही है।
इस बाबत शीरोज हैंग आउट कैफे के संचालन में छांव फाउंडेशन के सदस्य रोहित कहते हैं कि हमारा मुद्दा बस यह है कि सरकार कोई भी हो लेकिन एसिड अटैक सरवाइवर्स की जिंदगी को थोड़ा आसान बनाएं और उनको सुविधाएं देने वाले वादों को पूरा किया जाए ताकि यह लोग भी अपने जीवन में सहजता ला सकें।


Conclusion:बाइट- अंशु, कविता, फराह, रेशमा, एसिड अटैक पीड़ित
बाइट- रोहित, छांव फाउंडेशन सदस्य

रामांशी मिश्रा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.