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लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने गिनाईं 5 साल की उपलब्धियां

राजधानी लखनऊ में राज्यपाल राम नाईक ने आज अपनी पांच साल की उपलब्धियां गिनाईं. बता दें कि राज्यपाल राम नाईक के पांच साल का कार्यकाल पूरे होने में अभी कुछ दिन शेष हैं.

राज्यपाल राम नाईक.
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Published : Jul 15, 2019, 8:58 PM IST

लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ दिन पूर्व अपनी उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान का कार्यवृत्त भी जारी किया. इस अवसर पर उन्होंने राजभवन में राम नाईक पुस्तक का लोकार्पण किया. राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में सुधार का दावा किया और कहा कि समय पर दीक्षांत समारोह सहित नकल विहीन परीक्षा कराने सहित कई उल्लेखनीय काम किए गए.

राज्यपाल राम नाईक ने गिनाई पांच साल की उपलब्धियां.

बता दें कि राज्यपाल राम नाईक ने 22 जुलाई 2014 को राजभवन लखनऊ में राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की थी. 22 जुलाई 2019 को उनका पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस दौरान उन्होंने पांच वर्ष के दौरान किए गए कामकाज का ब्यौरा दिया. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति लगाए जाने का विकास हो रहा है.

फैजाबाद का नाम अयोध्या कराने को लेकर भी राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था. उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित थी. सरकार की तरफ से कुछ रोक लगाई गई थी, बाद में अभी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है. इसके अलावा एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार दोनों सरकार उनकी ही सरकार है. ऐसे में कौन सी सरकार ज्यादा बेहतर थी, इसकी तुलना वह नहीं कर सकते हैं.

लखनऊ: राज्यपाल राम नाईक ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ दिन पूर्व अपनी उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने पांच वर्ष के कार्यकाल के दौरान का कार्यवृत्त भी जारी किया. इस अवसर पर उन्होंने राजभवन में राम नाईक पुस्तक का लोकार्पण किया. राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में सुधार का दावा किया और कहा कि समय पर दीक्षांत समारोह सहित नकल विहीन परीक्षा कराने सहित कई उल्लेखनीय काम किए गए.

राज्यपाल राम नाईक ने गिनाई पांच साल की उपलब्धियां.

बता दें कि राज्यपाल राम नाईक ने 22 जुलाई 2014 को राजभवन लखनऊ में राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की थी. 22 जुलाई 2019 को उनका पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस दौरान उन्होंने पांच वर्ष के दौरान किए गए कामकाज का ब्यौरा दिया. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति लगाए जाने का विकास हो रहा है.

फैजाबाद का नाम अयोध्या कराने को लेकर भी राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था. उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित थी. सरकार की तरफ से कुछ रोक लगाई गई थी, बाद में अभी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है. इसके अलावा एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार दोनों सरकार उनकी ही सरकार है. ऐसे में कौन सी सरकार ज्यादा बेहतर थी, इसकी तुलना वह नहीं कर सकते हैं.

Intro:एंकर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नायक ने आज अपने 5 वर्ष के कार्यकाल पूरा होने से कुछ दिन पूर्व अपनी उपलब्धियां गिनाई और 5 वर्ष के कार्यकाल के दौरान का कार्यवृत्त भी उन्होंने जारी किया इस अवसर पर उन्होंने राजभवन में राम नाईक पुस्तक का लोकार्पण किया।



Body:बाईट
ग्रामीण उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग में सुधार का दावा किया और कहा कि समय पर दीक्षांत समारोह सहित नकल विहीन परीक्षा कराने सहित कई उल्लेखनीय काम किए गए जिससे गुणवत्ता परक शिक्षा छात्रों को दी जा सके इसके अलावा गुणवत्ता परक शिक्षा शिक्षा देने को लेकर कई कठोर कदम उठाये।
राज्यपाल राम नाईक 22 जुलाई 2014 को राजभवन लखनऊ में राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की थी 22 जुलाई 2019 को उनका 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है इस दौरान उन्होंने 5 वर्ष के दौरान किए गए कामकाज का ब्यौरा दिया। स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति लगाए जाने का विकास हो रहा है इसके अलावा उन्होंने कहा कि भीमराव रामजी अंबेडकर कराने में भूमिका निभाई इसी तरह उन्होंने फैजाबाद का नाम अयोध्या कराने को लेकर भी राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया था कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया काफी समय से लंबित थी कैन सरकार की तरफ से कुछ रोक लगाई गई थी बाद में अभी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई है



Conclusion:सवालों के जवाब में राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि वह 22 तारीख के बाद भी मिलते मिलाते रहेंगे उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल 22 जुलाई तक है लेकिन जब तक कोई नए राज्यपाल आएंगे वह बने रहेंगे राज्यपाल किस प्रकार से कहने को लेकर भी तमाम तरह के कयास लगाए जाते रहे कि क्या केंद्र सरकार उन्हें दोबारा उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बना सकती हैं इसके अलावा एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की सरकार और योगी आदित्यनाथ की सरकार दोनों सरकार उनकी ही सरकार है ऐसे में कौन से सरकार ज्यादा बेहतर थी इसकी तुलना वह नहीं कर सकते दोनों सरकारें अच्छी थी।


ध्यानार्थ डेस्क सहयोगी,,
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धन्यवाद धीरज लखनऊ।
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