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पशुधन घोटाला: अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत याचिका खारिज

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Published : Oct 30, 2020, 12:13 AM IST

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित पशुधन घोटाले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर अपराध बताया है.

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज संदीप गुप्ता ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर बताया है.

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित पशुधन घोटाले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर अपराध बताया है. सरकारी वकील प्रभा वैश्य के मुताबिक 13 जून 2020 को इस मामले में एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. इस मामले में 10 अभियुक्तों में संतोष का भी नाम शामिल है. अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तावेज बनाने व गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार की ठगी करने का आरोप है.

यूपी के पशुपालन विभाग में 292 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया था. इंदौर के व्यवसाई मंजीत सिंह भाटिया ने इस मामले में बीते 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई थी. दरअसल, सचिवालय में ही बैठकर सरकारी विभाग के नाम पर फर्जी टेंडर जारी करके करोड़ों रुपये डकारने का बेखौफ खेल खेला जा रहा था.

लखनऊ: पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने खारिज कर दी है. विशेष जज संदीप गुप्ता ने अभियुक्त के अपराध को गंभीर बताया है.

उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित पशुधन घोटाले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने अभियुक्त संतोष मिश्रा की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने इस मामले को गंभीर अपराध बताया है. सरकारी वकील प्रभा वैश्य के मुताबिक 13 जून 2020 को इस मामले में एफआईआर इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. इस मामले में 10 अभियुक्तों में संतोष का भी नाम शामिल है. अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तावेज बनाने व गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार की ठगी करने का आरोप है.

यूपी के पशुपालन विभाग में 292 करोड़ रुपये का टेंडर दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया था. इंदौर के व्यवसाई मंजीत सिंह भाटिया ने इस मामले में बीते 13 जून को हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई थी. दरअसल, सचिवालय में ही बैठकर सरकारी विभाग के नाम पर फर्जी टेंडर जारी करके करोड़ों रुपये डकारने का बेखौफ खेल खेला जा रहा था.

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