लखनऊ : पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश राम विलास प्रसाद ने घर के बाहर खेल रही नाबालिग को बहला-फुसला कर ले जाने और छेड़छाड़ करने के आरोपी सुखराम को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अभियुक्त को तीन वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.
कोर्ट में सरकारी वकील शशि पाठक ने दलील दी कि वादी और पीड़िता के पिता ने मलिहाबाद में 9 अप्रैल 2018 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक सात वर्षीय पुत्री घर के बाहर खेल रही थी. तभी गांव का सुखराम नाबालिग बच्ची को बहला-फुसला कर कुछ दूर पर ले गया और छेड़छाड़ करने लगा. इस दौरान नाबालिग बच्ची ने शोर मचाना शुरू कर दिया. इस पर गांव वाले आ गए और उन्होंने सुखराम को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था.
वहीं एक अन्य मामले में दहेज की मांग पूरी न होने पर विवाहिता की हत्या करने की आरोपित सास राज रानी की अग्रिम जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश पीएम त्रिपाठी ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने घटना को क्रूर करार दिया.
कोर्ट में सरकारी वकील अरुण पांडेय और दुष्यंत मिश्र ने तर्क दिया कि वादी श्रवण कुमार ने मड़ियांव थाने में 24 जून 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी बहन सुरेखा का विवाह 27 अप्रैल 2016 को संजीत के साथ हुआ था. विवाह के बाद से ही पति संजीत, ससुर श्यामलाल, सास राजरानी, ननद काजल और नन्हकी लगातार दहेज की मांग को लेकर सुरेखा को प्रताड़ित करते थे. कहा गया कि 23 जून की शाम किसी अज्ञात व्यक्ति ने वादी को फोन करके बताया कि सुरेखा को ससुराल वाले कहीं लेकर गए हैं. इस पर वादी जब सुरेखा के घर गया तो पता चला कि आरोपी वादी की बहन को मेडिकल कॉलेज ले गए हैं. वादी जब मेडिकल कॉलेज पहुंचा तो पाया कि उसकी बहन की मृत्यु हो गई है और शव मोर्चरी में रखा है. आरोपी शव को लावारिस छोड़कर भाग चुके थे.