लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी में दर्ज सामूहिक दुराचार के एक मामले में अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. हालांकि न्यायालय ने अभियुक्त को ट्रायल के दौरान निचली अदालत के समक्ष लगातार उपस्थित रहने का भी आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने अभियुक्त शैलेंद्र सिंह की याचिका पर दिया.
अभियुक्त व उसके साथियों के खिलाफ राजधानी के चिनहट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अभियुक्त पर पीड़िता को नशीला पदार्थ खिलाकर अपने साथियों के साथ दुराचार करने का आरोप है. वह अक्टूबर 2020 से ही जेल में है. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे मामले में झूठा फंसया गया है.
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आरोप, शादी के बाद पति व उसके दोस्तों को फंसाया
वास्तव में पीड़िता ने उसके एक दोस्त पंकज जो मामले में सह अभियुक्त भी है, उससे अपनी मर्जी से शादी की थी. पंकज और पीड़िता के बीच शादी के बाद कुछ विवाद हुआ. वह कुछ नकद व जेवर लेकर कहीं चली गई. बाद में अभियुक्तों को पता चला कि उनके खिलाफ सामूहिक दुराचार की एफआईआर लिखा दी गई है.
अभियुक्त की ओर से यह भी दलील दी गई कि पीड़िता के पुलिस व मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयानों में भारी विरोधाभास है. वहीं, न्यायालय ने भी पाया कि मामले के एक अन्य अभियुक्त प्रदीप पटेल पर भी यही आरोप लगाए गए हैं व उसे जमानत मिल चुकी है. सभी परिस्थितियों पर गौर करने के उपरांत न्यायालय ने शैलेंद्र सिंह की भी जमानत मंजूर कर ली है.