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फर्जी पासपोर्ट मामला: सीबीआई कोर्ट में अबू सलेम के बयान दर्ज

मुंबई बम धमाकों के अभियुक्त अबू सलेम को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 अगस्त की तिथि तय की है.

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अबू सलेम को सीबीआई कोर्ट में किया गया पेश- फर्जी पासपोर्ट का मामले में दर्ज हुआ बयान
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Published : Jul 21, 2022, 8:32 PM IST

Updated : Jul 21, 2022, 9:47 PM IST

लखनऊः गुरुवार को मुंबई बम धमाकों के अभियुक्त अबू सलेम को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया. फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के मामले में अबू सलेम का सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया गया. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने इस मामले में अंतिम बहस के लिए 4 अगस्त की तिथि नियत की है.

अबू सलेम को नवी मुंबई की तलोजा जेल से लाया गया था. उसे महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लाया गया. विशेष अदालत में इस मामले का एक अन्य अभियुक्त परवेज आलम भी हाजिर रहा.

12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबू सलेम भारत से भाग गया था. विवेचना के दौरान उसके फर्जी पासपोर्ट का खुलासा हुआ था. 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की.सीबीआई के मुताबिक छह जुलाई 1993 को अबू सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कूटरचित दस्तावजो के आधार पर फर्जी नाम से अभियुक्त परवेज आलम की सहायता से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था.

अबू सलेम का अकील अहमद आजमी जबकि समीरा जुमानी का सबीना आजमी के नाम से पासपोर्ट बना था. 29 जून, 1993 को आजमगढ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था. विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 व पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1) (बी) में आरोप पत्र दाखिल हुआ. इस मामले में अबू सलेम की पत्नी समीरा जुमानी भी आरोपी है लेकिन वह फरार है व उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है.

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लखनऊः गुरुवार को मुंबई बम धमाकों के अभियुक्त अबू सलेम को सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया. फर्जी तरीके से पासपोर्ट बनवाने के मामले में अबू सलेम का सीआरपीसी की धारा 313 के तहत बयान दर्ज किया गया. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा ने इस मामले में अंतिम बहस के लिए 4 अगस्त की तिथि नियत की है.

अबू सलेम को नवी मुंबई की तलोजा जेल से लाया गया था. उसे महाराष्ट्र पुलिस की कड़ी सुरक्षा में लाया गया. विशेष अदालत में इस मामले का एक अन्य अभियुक्त परवेज आलम भी हाजिर रहा.

12 मार्च, 1993 को मुंबई में श्रृखंलाबद्ध बम विस्फोट के बाद अबू सलेम भारत से भाग गया था. विवेचना के दौरान उसके फर्जी पासपोर्ट का खुलासा हुआ था. 16 अक्टूबर, 1997 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरु की.सीबीआई के मुताबिक छह जुलाई 1993 को अबू सलेम ने अपना व अपनी कथित पत्नी समीरा जुमानी का कूटरचित दस्तावजो के आधार पर फर्जी नाम से अभियुक्त परवेज आलम की सहायता से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था.

अबू सलेम का अकील अहमद आजमी जबकि समीरा जुमानी का सबीना आजमी के नाम से पासपोर्ट बना था. 29 जून, 1993 को आजमगढ में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया गया था. विवेचना के बाद अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 व पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12(1) (बी) में आरोप पत्र दाखिल हुआ. इस मामले में अबू सलेम की पत्नी समीरा जुमानी भी आरोपी है लेकिन वह फरार है व उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है.

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Last Updated : Jul 21, 2022, 9:47 PM IST
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