लखनऊ: फर्जी नाम पते पर पासपोर्ट बनवाने के आरोपों को लेकर अबू सलेम के मामले में सुनवाई कर रही सीबीआई अदालत के समक्ष अर्जी देकर उसके अधिवक्ता ने कहा है कि वह अबू सलेम की अनुपस्थिति में इस मामले में बहस नहीं कर सकते क्योंकि उनके मुवक्किल ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी है. विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट समृद्धि मिश्रा अब इस मुकदमे की सुनवाई शनिवार को करेंगी.
इसके पूर्व 4 अगस्त को इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआई की ओर से बहस की गई थी तथा अभियोजन कथानक को प्रस्तुत किया गया था. सीबीआई की ओर से कहा गया है कि अभियुक्त के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं जिन्हें सीबीआई द्वारा विवेचना के दौरान एकत्रित किया गया है एवं विचारण के दौरान सबूतों को साबित किया गया है. सीबीआई की बहस सुनने के उपरांत बचाव पक्ष को उनके तर्कों का जवाब देने के लिए अदालत ने 5 अगस्त की तिथि नियत की थी. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के समय अबू सलेम की ओर से उनके अधिवक्ता ने बहस करने में असमर्थता जाहिर की. कहा कि अबू सलेम ने उन्हें बिना उनकी अनुपस्थिति के मुकदमे में बहस करने से मना किया है लिहाजा वह अबू सलेम की गैर मौजूदगी में बहस करने में असमर्थ हैं. वहीं, सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व आदेश के तहत इस प्रकरण में अदालत दिन प्रतिदिन सुनवाई कर रही है.
अदालती पत्रावली के अनुसार आरोपी अबू सलेम अब्दुल कयूम अंसारी ने वर्ष 1993 में लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में अपने साथियों परवेज आलम और समीरा जुमानी के साथ षड्यंत्र किया और बेईमानी, धोखाधड़ी की नियत से अकील अहमद आज़मी के नाम से पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था. आरोपी ने इस आवेदन के साथ फर्जी नाम पते के कूटरचित दस्तावेज लगाए और पासपोर्ट प्राप्त किया. आरोपी ने इस फर्जी पासपोर्ट को असली के रूप में प्रयोग किया.
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