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कोर्ट में सरेंडर करने वाले भगोड़े IPS पाटीदार की जानिए पूरी कहानी

भगोड़े आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने शनिवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. मणिलाल पर रिश्वत मांगे जाने के साथ आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप था. जांच में दोषी पाए जाने के बाद से ही फरार था. आइये खबर में आईपीएस के पूरे इतिहास को जान लेते हैं.

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Published : Oct 15, 2022, 4:44 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैडर का भगोड़ा आईपीएस व एक लाख इनामी मणिलाल पाटीदार ने 25 महीने बाद शनिवार को पुलिस की आंखों में धूल झोंक कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पाटीदार ने ADJ-9 की कोर्ट में सरेंडर किया. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

यह है पूरा मामला: महोबा जिले के कबरई में जवाहर नगर निवासी क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को तत्कालीन जिले के एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने के आरोप का वीडियो बनाया था. इसको लेकर कारोबारी ने एक शिकायती पत्र सीएम योगी के साथ डीजीपी को भेजा था. वीडियो में कारोबारी ने कबरई पत्थरमंडी ठप होने की वजह से पैसे न देने की असमर्थता जताई थी. साथ ही कबरई थाना प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे.

इंद्रकांत त्रिपाठी ने वीडियो में अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी. वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में घायल अवस्था में मिले. उनके गले पर गोली लगी थी. इलाज के लिए उन्हें कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 13 सितंबर 2020 को उनकी मौत हो गई.

तत्कालीन एसपी मणिलाल पर केस दर्ज: 11 सितंबर 2020 को शासन के निर्देश पर पुलिस ने IPS मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, कॉन्स्टेबल अरुण यादव और दो व्यापारियों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया. यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया, जिसमें आत्महत्या की पुष्टि हुई. इसके बाद आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में मामला दर्ज किया गया.

IG मेरठ ने जांच में मणिलाल को दोषी पाया था: कारोबारी इंद्रकांत के आरोप और उनकी संदिग्घ मौत के बाद शासन ने मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया था. इसके कुछ समय बाद वो गायब भी हो गया. इस मामले में योगी सरकार ने इंद्रकांत की मौत के मामले में SIT को जांच सौंपी थी.

सस्पेंड होते ही फरार हुआ आईपीएस मणिलाल: सीएम योगी के आदेश पर मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से अटैच किया गया था. आईपीएस रातों-रात फरार हो गया. मणिलाल ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली.

कौन है IPS मणिलाल पाटीदार: राजस्थान के डूंगरपुर का रहने वाला मणिलाल पाटीदार यूपी कैडर का IPS अधिकारी है. मणिलाल का जन्म डूंगरपुर के रामजी पाटीदार के घर 25 नवंबर 1989 को हुआ था. साल 2013 में मणिलाल यूपीएससी परीक्षा पास की थी. इलेक्ट्रॉनिक टेलीकम्युनिकेशन से बीटेक के बाद ​ही मणिलाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गया था. उसको लखनऊ में रहने के बाद महोबा में एसपी बनाया गया था. महोबा में एसपी की कुर्सी संभालने के साथ ही मणिलाल पाटीदार रातों-रात अमीर बनने के ख्वाब देखने लगा. यहीं से उसके बुरे दिनों की शुरुआत भी हो गई थी.

बर्खास्त होगा मणिलाल पाटीदार: IPS पाटीदार पर यूपी में एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. 25 महीनों से फरार एक लाख का इनामी आईपीएस मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त करने के लिए यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को फाइल भेजी थी. इस अपर राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद केंद्रीय गृह विभाग ने हरी झंडी दे दी थी.

ईडी ने भी दर्ज किया मुकदमा: महोबा के एसपी रहे 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार की कई संपत्तियां उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम हैं. IPS की 50 करोड़ से अधिक की संपत्तियां यूपी, गुजरात और राजस्थान में मौजूद हैं. मणिलाल के खिलाफ ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था. लेकिन कई बार नोटिस देने के बावजूद वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए. इसके मद्देनजर ईडी ने मणिलाल की पत्नी और करीबी रिश्तेदारों को तलब किया था. अब जल्द ही उनकी संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई की तैयारी है.

यह भी पढ़ें- फरार IPS मणिलाल पाटीदार ने लखनऊ की कोर्ट में सरेंडर किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कैडर का भगोड़ा आईपीएस व एक लाख इनामी मणिलाल पाटीदार ने 25 महीने बाद शनिवार को पुलिस की आंखों में धूल झोंक कोर्ट में सरेंडर कर दिया. पाटीदार ने ADJ-9 की कोर्ट में सरेंडर किया. इसके बाद मजिस्ट्रेट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

यह है पूरा मामला: महोबा जिले के कबरई में जवाहर नगर निवासी क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने 7 सितंबर 2020 को तत्कालीन जिले के एसपी मणिलाल पाटीदार पर रिश्वत मांगने के आरोप का वीडियो बनाया था. इसको लेकर कारोबारी ने एक शिकायती पत्र सीएम योगी के साथ डीजीपी को भेजा था. वीडियो में कारोबारी ने कबरई पत्थरमंडी ठप होने की वजह से पैसे न देने की असमर्थता जताई थी. साथ ही कबरई थाना प्रभारी पर भी गंभीर आरोप लगाए थे.

इंद्रकांत त्रिपाठी ने वीडियो में अपनी हत्या की आशंका भी जताई थी. वीडियो वायरल होने के एक दिन बाद इंद्रकांत त्रिपाठी अपनी कार में घायल अवस्था में मिले. उनके गले पर गोली लगी थी. इलाज के लिए उन्हें कानपुर के रिजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 13 सितंबर 2020 को उनकी मौत हो गई.

तत्कालीन एसपी मणिलाल पर केस दर्ज: 11 सितंबर 2020 को शासन के निर्देश पर पुलिस ने IPS मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, कॉन्स्टेबल अरुण यादव और दो व्यापारियों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत केस दर्ज किया. यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया, जिसमें आत्महत्या की पुष्टि हुई. इसके बाद आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप) में मामला दर्ज किया गया.

IG मेरठ ने जांच में मणिलाल को दोषी पाया था: कारोबारी इंद्रकांत के आरोप और उनकी संदिग्घ मौत के बाद शासन ने मणिलाल पाटीदार को निलंबित कर दिया था. इसके कुछ समय बाद वो गायब भी हो गया. इस मामले में योगी सरकार ने इंद्रकांत की मौत के मामले में SIT को जांच सौंपी थी.

सस्पेंड होते ही फरार हुआ आईपीएस मणिलाल: सीएम योगी के आदेश पर मणिलाल पाटीदार को सस्पेंड कर पुलिस महानिदेशक कार्यालय से अटैच किया गया था. आईपीएस रातों-रात फरार हो गया. मणिलाल ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली.

कौन है IPS मणिलाल पाटीदार: राजस्थान के डूंगरपुर का रहने वाला मणिलाल पाटीदार यूपी कैडर का IPS अधिकारी है. मणिलाल का जन्म डूंगरपुर के रामजी पाटीदार के घर 25 नवंबर 1989 को हुआ था. साल 2013 में मणिलाल यूपीएससी परीक्षा पास की थी. इलेक्ट्रॉनिक टेलीकम्युनिकेशन से बीटेक के बाद ​ही मणिलाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गया था. उसको लखनऊ में रहने के बाद महोबा में एसपी बनाया गया था. महोबा में एसपी की कुर्सी संभालने के साथ ही मणिलाल पाटीदार रातों-रात अमीर बनने के ख्वाब देखने लगा. यहीं से उसके बुरे दिनों की शुरुआत भी हो गई थी.

बर्खास्त होगा मणिलाल पाटीदार: IPS पाटीदार पर यूपी में एक लाख रुपये का इनाम घोषित था. 25 महीनों से फरार एक लाख का इनामी आईपीएस मणिलाल पाटीदार को बर्खास्त करने के लिए यूपी सरकार ने केंद्र सरकार को फाइल भेजी थी. इस अपर राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद केंद्रीय गृह विभाग ने हरी झंडी दे दी थी.

ईडी ने भी दर्ज किया मुकदमा: महोबा के एसपी रहे 2014 बैच के आईपीएस मणिलाल पाटीदार की कई संपत्तियां उनकी पत्नी और रिश्तेदारों के नाम हैं. IPS की 50 करोड़ से अधिक की संपत्तियां यूपी, गुजरात और राजस्थान में मौजूद हैं. मणिलाल के खिलाफ ईडी ने भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था. लेकिन कई बार नोटिस देने के बावजूद वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए. इसके मद्देनजर ईडी ने मणिलाल की पत्नी और करीबी रिश्तेदारों को तलब किया था. अब जल्द ही उनकी संपत्तियों को अटैच करने की कार्रवाई की तैयारी है.

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