लखनऊ. समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आजम खान (Abdullah Azam) के जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने पर समाजवादी पार्टी ने कहा है कि न्यायालय के फैसले का सम्मान है, लेकिन सबके साथ समान व्यवहार भी जरूरी है. समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के हाईकोर्ट से विधानसभा सदस्यता रद्द करने और जन्म प्रमाण पत्र के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. जिसे सोमवार को रद्द कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2017 में रामपुर की सुआर विधानसभा सीट से सपा विधायक अब्दुल्ला आजम की सदस्यता गलत जन्म प्रमाण पत्र देने के मामले में रद्द कर दी थी, जिसके खिलाफ अब्दुल्ला आजम सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन आज उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली. इस मामले में सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं, लेकिन समान व्यवहार की अपेक्षा भी हर कोई रखता है. भारतीय जनता पार्टी के विधायक विक्रम सैनी की सदस्यता रद्द करने के बाद भी दोहरा चरित्र पिछले दिनों देखने को मिला था. संवैधानिक संस्थाओं को सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए यही सब की अपेक्षा रहती है.
भारतीय जनता पार्टी ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका सुप्रीम कोर्ट में रद्द होने के मसले पर कहा है कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम ने केवल जुर्म नहीं किया है, जुर्मों का शतक लगाया है. भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा गया है कि हर हाल में आजम औऱ उनके बेटों को उनके किए गए हर गुनाह की सजा मिलेगी. योगी सरकार में कोई भी अपराधी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सपा नेता अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान की याचिका को खारिज किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है.
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