लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के बाद अब आम आदमी पार्टी भी एकला चलो की राह पर है. पार्टी ने गठबंधन से परहेज करने का फैसला किया है. पार्टी अब तक 170 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी घोषित कर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर चुकी है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से संजय सिंह की मुलाकात के बाद यह समझा जा रहा था कि समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी में गठबंधन का फैसला हो सकता है.
170 उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अब पार्टी के और उम्मीदवारों की घोषणा न किए जाने से इस कयास को बल मिला था. लेकिन अब संजय सिंह ने खुद इस कयास को खारिज कर दिया है. पार्टी की निगाह अब उत्तर प्रदेश में अरविंद केजरीवाल की रैली पर टिकी हुई है. हालांकि समाजवादी पार्टी के प्रति उनका सॉफ्ट करना अभी भी बरकरार है.
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पत्रकारों से वार्ता के दौरान उन्होंने साफ कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ववर्ती सरकार के दौरान शुरू की गई योजनाओं का फीता काटकर उसका श्रेय लेने में जुटी हुई है. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि आगरा एक्सप्रेस-वे का दूसरी बार उद्घाटन करने के बाद अब पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन से इसकी शुरुआत हो चुकी है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी पूर्ववर्ती सरकार में हुए कार्यों का श्रेय ले रही है.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में गठबंधन की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपने कार्य पर फोकस कर रही है. वह अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरेगी. 170 विधानसभा क्षेत्र प्रभारियों की घोषणा हो चुकी है और जल्द ही अन्य विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार भी घोषित कर दिए जाएंगे.
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