लखनऊ: मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष अगहन महीने की शुक्ल पक्ष को मनाया जाता है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस बार रविवार को एकादशी का अत्यधिक महत्व है.
- पूरे देश में रविवार को मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती मनाई जा रही है.
- इस बार आठ दिसम्बर दिन रविवार को अश्विन नक्षत्र होने से शुभ योग भी बन रहा है.
- मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष के अगहन महीने के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है.
- शास्त्रों में उल्लेख है कि आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था.
- मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से कई तरह के मानसिक रोग दूर होते हैं.
- पद्म पुराण में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी पापों का नाश करने वाली है.
मोक्षदा एकादशी का महत्व-
मोह-माया ही सभी रोगों की जड़ है. इससे ही मनुष्य के अंदर कई प्रकार की बीमारियां पैदा होती हैं. मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से कई तरह के मानसिक रोग दूर होते हैं. पद्म पुराण में बताया गया है कि मोक्षदा एकादशी पापों का नाश करने वाली है.
मोक्षदा एकादशी व्रत विधि-
एकादशी के दिन प्रात: काल में उठकर दैनिक क्रियाओं से निवृत हो जाएं. इसके बाद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. अब मोक्षदा एकादशी व्रत का संकल्प लें. फिर भगवान विष्णु की प्रतिमा पूजा स्थल पर स्थापित करें. इसके बाद उनकी विधिपूर्वक पूजा अर्चना कर व्रत रखें.
शास्त्रों में भगवतगीता का है विशेष महत्व-
हिन्दू शास्त्रों में श्रीमद्भगवद्गीता का विशेष महत्व है. भगवतगीता का पाठ करने से लोगों को सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि सभी धर्मों में गीता का सर्वोच्च स्थान है. जैन समुदाय में मौनी एकादशी का महत्व होता है. जैन धर्म में आज के दिन को मौनी एकादशी मनाई जाती है. आज के दिन जैन धर्म के लोग पूरे दिन मौन धारण कर व्रत रखते हैं.
मोक्षदा एकादशी से लाभ-
हिन्दू धर्म में हर एकादशी का नाम होता है. मार्गशीर्ष के अगहन माह में मोक्षदा एकादशी का विशेष महत्व है. इसके नाम से ही पता चलता है कि मोक्ष देने वाली एकादशी है. इसका व्रत करने से व्यक्ति का पुनर्जन्म नहीं होता.
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष के अगहन महीने की शुक्ल पक्ष को मनाई जाती है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. अर्जुन को गीता का ज्ञान देकर भगवान कृष्ण ने उन्हे मोक्ष प्रदान किया था. ठीक उसी प्रकार एकादशी का व्रत करके जातकों को लोभ, मोह और सांसारिक माया से मुक्ति मिल जाती है.
उमाशंकर मिश्र, ज्योतिषाचार्य