लखनऊ: कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. सभी सीमाएं बंद हैं. कोई बिना प्रशासनिक अनुमति के शहर के अंदर भी नहीं निकल सकता. वहीं हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर रहने वाला एक व्यक्ति मोटरसाइकिल के जरिए दिल्ली से बिहार के कटिहार के लिए निकल पड़ा. वह लखनऊ पहुंचा तो पुलिस ने उसे दिल्ली से आने पर उसकी वेशभूषा देखकर संदिग्ध मानते हुए रोक लिया. पूछताछ शुरू की तो वह कुछ भी सही नहीं बता पाया, जिसके बाद पुलिस ने उसे बिठा लिया.
नौशाद अली नाम का व्यक्ति दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के मरकज से 15 किलोमीटर की दूरी पर रहता है. तमाम जगह मस्जिदों में छिपे हुए जमाती पकड़े गए हैं. पुलिस प्रशासन ने चेतावनी भी जारी की है कि जल्द जमातीं जहां भी छिपे हों, सामने आएं और अपनी जांच करा लें. जब सरकार सख्त है तब ऐसे में नौशाद अली दिल्ली से बिहार के कटिहार में अपने परिवार में बीमारी का बहाना बनाकर मोटरसाइकिल से निकल पड़ा. 500 किलोमीटर की दूरी तय करके लखनऊ भी पहुंच गया. पुलिस ने जब उसकी वेशभूषा देखी तो लखनऊ में उसे रोक लिया.
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वीवीआईपी गेस्ट हाउस चौराहा पर पुलिस ने उसे रोका तो मामला आगे बढ़ा. पूछताछ में नौशाद यही कहता रहा कि उसे कटिहार जाना है. कोई सरकारी प्रपत्र न है न ही उसको दिल्ली से यहां तक जरूरत ही पड़ी. हाईवे पर कोई ऐसी चेकिंग नहीं है. एक-दो जगह रोका गया, जहां बीमारी की बात बता दी तो निकलने दिया गया. हालांकि लखनऊ पुलिस ने कड़ाई दिखाई और नौशाद को आगे नहीं बढ़ने दिया. पुलिस पहले पकड़कर उसे गौतम पल्ली थाना ले आई. नौशाद ने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली में मिस्त्री है, जबकि पुलिस को लगातार उसकी वेशभूषा देखकर शक गहराता गया. पुलिस ने उसे बलरामपुर अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए भेज दिया.
नौशाद ने बताया कि उसके पास आधार कार्ड है. हाईवे पर कोई पूछताछ ज्यादा नहीं हो रही है. हां कई जगह टोल जरूर देना पड़ा है, जबकि इस समय टोल वसूली पर पूरी तरह रोक है.