ETV Bharat / state

विकास दुबे के भाई के घर पर मिली प्रमुख सचिव के नाम से रजिस्टर्ड कार

author img

By

Published : Jul 4, 2020, 3:29 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पुलिस लगातार सक्रिय है. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भाई के घर से प्रमुख सचिव के नाम से रजिस्टर्ड कार बरामद की है. इस कार को विकास का भाई बिना अपने नाम कराए प्रयोग कर रहा था.

car found in vikas dubey brother house
विकास दुबे के भाई के घर पर खड़ी मिली सरकारी कार.

लखनऊ: कृष्णा नगर थाना क्षेत्र स्थित इंद्रलोक कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बड़े भाई के घर पर प्रमुख सचिव के नाम से रजिस्टर्ड सरकारी कार मिली है. कार का नंबर यूपी 32 बीजी 0156 है. विकास दुबे का भाई बिना गाड़ी अपने नाम कराए सरकारी गाड़ी का धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रहा था.

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर में दो कार खड़ी मिली है. इसमें से एक गाड़ी सरकारी नंबर की है और एक प्राइवेट. राजधानी पुलिस अब इस तरफ भी गौर कर रही है कि विकास दुबे ने फरार होने के लिए इसी सरकारी गाड़ी का प्रयोग किया है या इससे मिलती-जुलती किसी दूसरी कार से भागने में सफल रहा है.

विकास दुबे के भाई के घर खड़ी मिली सरकारी कार.

घटना के बाद सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया था, जिसको देखते हुए उसका बाहर निकलना नामुमकिन था, लेकिन माना जा रहा है कि वह सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग कर फरार होने में सफल हो सकता है. इसी को देखते हुए पुलिस छानबीन में जुट गई है.

राजधानी में सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. सरकारी गाड़ियों की नीलामी के बाद भी कुछ लोग गाड़ी को बिना अपने नाम ट्रांसफर कराए उसका लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं. किसी बड़ी घटना होने के बाद ही इसका खुलासा सामने आता है. ऐसा ही एक मामला विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर पर खड़ी कार बरामद होने के बाद सामने आया है.

इस बारे में एआरटीओ लखनऊ संजय तिवारी ने बताया कि नीलामी के एक माह बाद गाड़ी को खरीदे गए शख्स के नाम ट्रांसफर होना होता है. यदि वह अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराता है तो एक महीने के बाद से जितने दिन भी देरी करता है, इतने दिन के हिसाब से हम लोग पेनल्टी वसूल करते हैं. इसके अलावा कोई और दंड देने का प्रावधान हमारे पास नहीं है.

ये भी पढ़ें: कानपुर मुठभेड़ः विकास दुबे के संपर्क में थे कई पुलिसकर्मी, सबूत जुटाने में लगी पुलिस

सरकारी वाहनों को नीलामी कर बेच देने के बाद विभाग यह भी नहीं देखता है कि गाड़ी खरीदने वाले शख्स ने अपने नाम ट्रांसफर कराई है कि नहीं. वह केवल गाड़ी नीलामी कर देने के बाद अपना पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन सरकारी गाड़ियों का अपराधी दुरुपयोग कर रहे हैं.

लखनऊ: कृष्णा नगर थाना क्षेत्र स्थित इंद्रलोक कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बड़े भाई के घर पर प्रमुख सचिव के नाम से रजिस्टर्ड सरकारी कार मिली है. कार का नंबर यूपी 32 बीजी 0156 है. विकास दुबे का भाई बिना गाड़ी अपने नाम कराए सरकारी गाड़ी का धड़ल्ले से दुरुपयोग कर रहा था.

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर में दो कार खड़ी मिली है. इसमें से एक गाड़ी सरकारी नंबर की है और एक प्राइवेट. राजधानी पुलिस अब इस तरफ भी गौर कर रही है कि विकास दुबे ने फरार होने के लिए इसी सरकारी गाड़ी का प्रयोग किया है या इससे मिलती-जुलती किसी दूसरी कार से भागने में सफल रहा है.

विकास दुबे के भाई के घर खड़ी मिली सरकारी कार.

घटना के बाद सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया था, जिसको देखते हुए उसका बाहर निकलना नामुमकिन था, लेकिन माना जा रहा है कि वह सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग कर फरार होने में सफल हो सकता है. इसी को देखते हुए पुलिस छानबीन में जुट गई है.

राजधानी में सरकारी गाड़ियों के दुरुपयोग का मामला सामने आया है. सरकारी गाड़ियों की नीलामी के बाद भी कुछ लोग गाड़ी को बिना अपने नाम ट्रांसफर कराए उसका लगातार इस्तेमाल कर रहे हैं. किसी बड़ी घटना होने के बाद ही इसका खुलासा सामने आता है. ऐसा ही एक मामला विकास दुबे के भाई दीप प्रकाश दुबे के घर पर खड़ी कार बरामद होने के बाद सामने आया है.

इस बारे में एआरटीओ लखनऊ संजय तिवारी ने बताया कि नीलामी के एक माह बाद गाड़ी को खरीदे गए शख्स के नाम ट्रांसफर होना होता है. यदि वह अपने नाम ट्रांसफर नहीं कराता है तो एक महीने के बाद से जितने दिन भी देरी करता है, इतने दिन के हिसाब से हम लोग पेनल्टी वसूल करते हैं. इसके अलावा कोई और दंड देने का प्रावधान हमारे पास नहीं है.

ये भी पढ़ें: कानपुर मुठभेड़ः विकास दुबे के संपर्क में थे कई पुलिसकर्मी, सबूत जुटाने में लगी पुलिस

सरकारी वाहनों को नीलामी कर बेच देने के बाद विभाग यह भी नहीं देखता है कि गाड़ी खरीदने वाले शख्स ने अपने नाम ट्रांसफर कराई है कि नहीं. वह केवल गाड़ी नीलामी कर देने के बाद अपना पल्ला झाड़ लेता है, लेकिन सरकारी गाड़ियों का अपराधी दुरुपयोग कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.