लखनऊ: भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने हिंदू युवाओं को टारगेट किया है. अगर पिछले 2 सालों की बात की जाए तो आतंकवाद विरोधी दस्ता ने अब तक 21 ऐसे युवाओं को गिरफ्तार किया है जो हिन्दू धर्म के हैं और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के सम्पर्क में हैं. पकड़े गए इन लोगों पर आरोप है कि वह पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के सम्पर्क में हैं और बैंकों में फेक अकाउंट में देश के विभिन्न इलाकों से पैसा मंगवाते थे.
एटीएस ने इन लोगों पर की कार्रवाई
- 25 मार्च 2018 को 8 लोग गिरफ्तार.
- 25 मई 2018 को उत्तराखण्ड से रमेश सिंह गिरफ्तार.
- 21 जून 2018 को गोरखपुर से रमेश शाह गिरफ्तार.
- 19 सितम्बर 2018 को ISI के जासूस अच्युतानंद मिश्र गिरफ्तार.
- 4 अप्रैल 2019 को अंशु और अनिल कुमार गिरफ्तार.
- 27 जुलाई 2019 को सौरभ शुक्ला गिरफ्तार.
अगर बात की जाए तो आतंकवाद भारत की सबसे बड़ी समस्या है. पिछले कई दशकों से भारत इस गम्भीर समस्या से जूझ रहा है. इसमें पुलवामा में सीआरपीएफ पर आतंकी हमला हो या जम्मू-कश्मीर, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, इंफाल, नई दिल्ली, अहमदाबाद, बैंगलूर, जयपुर में सिलसिलेवार बम धमाकों का मामला. जिसमें बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की मौत हुई तो वहीं भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा हमला हुआ. चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस आतंकी हमले के बाद विशेष समुदाय के लोगों पर उंगलियां उठती थीं, लेकिन जिस तरह से एटीएस ने पिछले दो सालों में ऐसे लोगों की गिरफ्तारी की है जो हिन्दू धर्म से हैं, जो साबित करता है कि आतंकियों का कोई धर्म या मजहब नहीं होता.
वहीं इस पर एटीएस अधिकारियों ने बताया कि एक साल से कुछ लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. पकड़े गए लोगों ने बताया कि यह लोग पाकिस्तानी संगठनों के सम्पर्क में थे. यह लोग फेक एकाउंट खोलते थे. इसमें देश के विभिन्न जगहों से पैसा जमा किया जाता था और यह पैसा ISI जासूसों के अलावा कई लोगों को पहुंचाया जाया था.