लखनऊ: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चपेट में आने जहां काफी संख्या में आम लोगों ने दम तोड़ दिया है, वहीं सरकारी कार्यालयों के अधिकारी और कर्मचारी भी इससे प्रभावित हुए और उनकी भी मौत हुई हैं. उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के 91 अधिकारी, अभियंता व अन्य कर्मचारियों की मौत हुई है. इससे विभाग के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है. शासन ने लोक निर्माण विभाग मुख्यालय से मरने वाले सभी लोगों की रिपोर्ट मांगी है, जिससे आगे की बकाया राशि आदि भुगतान कराने की प्रक्रिया पूरी कराई जा सके.
लोक निर्माण विभाग के विभाग अध्यक्ष पीके सक्सेना ने बताया कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने की वजह से 91 अधिकारी और कर्मचारियों की मौत हुई है, जबकि काफी संख्या में और भी लोग इससे संक्रमित हैं. ऐसे में विभाग में स्टाफ की काफी कमी है. इससे विभागीय कामकाज पर असर भी पड़ रहा है. समय के अनुसार निर्माण कार्य को पूरा कराने में भी समस्या आ रही है.
इन प्रमुख अभियंताओं की हुई मौत
विभागाध्यक्ष पीके सक्सेना के अनुसार अयोध्या के अधिशासी अभियंता रवि कुल की पिछले दिनों कोरोना वायरस से मौत हो गई है. इसी तरह से महोबा के अधिशासी अभियंता बीबी अग्रवाल, इटावा के अधिशासी अभियंता संजय भारती और आगरा के अधिशासी अभियंता आरपी शर्मा का भी पिछले दिनों निधन हुआ है. इसके साथ ही अभी हाल ही में चीफ इंजीनियर के पद पर प्रमोशन पाने वाले आरएन दास भी हाल ही में कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा विभाग के अन्य कर्मचारी सहायक अभियंता अवर अभियंता और अन्य लिपिक लिपिक संवर्ग के अन्य कर्मचारियों की मौत हुई है.
पीडब्ल्यू मुख्यालय से मांगी गई है रिपोर्ट
विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण विभाग के काफी संख्या में लोगों की मौत हुई है. इन लोगों को इनका बकाया व मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने के बारे में पूरी रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से मांगी गई है. वही कोरोना संक्रमण के कारण विभाग का कामकाज भी प्रभावित हुआ है. हम फिलहाल पहले की तुलना में 50-60% काम ही कर पा रहे हैं.
अनुग्रह राशि 50 लाख देने की मांग
यूपी इंजीनियर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी इंजीनियर आशीष यादव ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उन्हें 50 लाख रुपये अनुग्रह राशि के रूप में देने की सरकार से हमने मांग की है. साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और अभियंताओं को भी फ्रंटलाइन वर्कर घोषित किया जाए, जिससे इन्हें 50 लाख की अनुग्रह राशि मिल सके.