लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते 9 माह से परिषदीय स्कूल बंद हैं. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दीक्षा एप को विकल्प के तौर पर तैयार किया गया. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिले के परिषदीय विद्यालयों के 1.96 लाख बच्चों में सिर्फ 889 के पास ही दीक्षा एप डाउनलोड है, जबकि एक शिक्षक को 10 छात्रों के अभिभावकों को एप डाउनलोड कराने का लक्ष्य दिया गया था.
889 बच्चों के फोन में दीक्षा एप
दरअसल, कोरोना संकट के बाद भी पढ़ाई को ऑनलाइन जारी रखना तय किया गया. नई शिक्षा नीति के तहत पूरे साल होने वाली पढ़ाई के सिलेबस का 25 फीसदी हिस्सा ऑनलाइन ही पढ़ाया जाएगा. वहीं ऑनलाइन टेस्ट की भी व्यवस्था होगी. यही वजह है कि स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है.
राज्य परियोजना निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी में अब तक शिक्षक कुल 889 छात्रों को ही दीक्षा एप डाउनलोड करा सके हैं, जबकि जिले में पंजीकृत छात्र 1.96 लाख और शिक्षकों की संख्या 7,466 है. वहीं स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द निर्धारित लक्ष्य हासिल कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं.
ऑफलाइन मोड में चलता है दीक्षा एप
शिक्षा मंत्रालय ने दीक्षा एप विकसित किया है. इसमें अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, पर्यावरण अध्ययन, इतिहास, नागरिक शास्त्र, भूगोल आदि विषयों की पुस्तकें डिजिटली उपलब्ध हैं. एक बार अपने मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद दीक्षा एप पूरी तरह से ऑफलाइन इस्तेमाल किया जा सकता है. इसमें करीब पांच हजार ऐसे वीडियो हैं, जिनके माध्यम से छात्र खेल-खेल और कहानी के जरिए पाठ्य सामग्री पढ़ और देख सकते हैं.