लखनऊ: पीएसी के 823 आरक्षियों को कारागार विभाग में 2 वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया जाएगा. मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में यह निर्णय लिया गया है. उत्तर प्रदेश कारागार विभाग की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए यह फैसला लिया गया है. कारागार विभाग में बंदी रक्षकों के 60 फीसदी पद खाली चल रहे हैं. जबकि जेल में कैदियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में पीएसी के आरक्षियों के प्रतिनियुक्ति पर मिलने से इस कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सकेगा. वहीं दिसंबर में ही जेल वार्डर के पद पर भर्ती प्रक्रिया की परीक्षा हुई है. जल्द ही प्रक्रिया पूरी होने के बाद 3800 नए जेल वार्डर भी मिल जाएंगे.
कारागार विभाग को मिले 823 पीएसी आरक्षी
कारागार विभाग में बड़े पैमाने पर रिक्तियां हैं. वहीं जेल की सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त और दुरुस्त बनाए रखने के लिए जेल वार्डर के पद पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. पुलिस एवं न्याय पालिका की भांति कारागार व्यवस्था आपराधिक न्याय प्रणाली का एक उपयोगी हिस्सा है. अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कारागार विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक में बताया कि विभाग की सुरक्षा को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाए जाने के लिए प्रदेश की कारागार में जेल वार्डर के रिक्त पदों के सापेक्ष पीएसी के 823 आरक्षी को 2 वर्ष की प्रतिनियुक्ति के लिए कारागार विभाग में तैनात किए जाने का निर्णय लिया गया है.