लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुओं में संक्रामक बीमारी खुरपका, मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए भेजी गई वैक्सीन मानक के विपरीत पाई गई. इसके बाद से प्रदेश सरकार के निर्देश पर पशुधन विभाग ने जानवरों को वैक्सीन न लगाने के निर्देश जनपद के सभी अधिकारियों को दे दिए गए. इसके साथ ही केंद्र सरकार से जो 82 लाख एफएमडी वैक्सीन की डोज प्राप्त हुई. उसे नष्ट कराने के निर्देश पशुधन डायरेक्ट ने प्रदेश के समस्त जनपद के अधिकारियों को दे दिए हैं.
पशुधन विभाग के डायरेक्टर रामपाल सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में पशुओं के टीकाकरण के लिए 82 लाख एफएमडी वैक्सीन के डोज उत्तर प्रदेश को भेजा था. यह वैक्सीन मानक के विपरीत पाई गई, जिसके कारण पशुओं में शुरू हुए टीकाकरण को रोक दिया गया है. पशुधन डायरेक्टर ने बताया कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विगत वर्ष टीकाकरण का अभियान शुरू किया गया था और केंद्र सरकार की तरफ से देश के राज्यों में वैक्सीन की आपूर्ति नेफेड संस्था ने की थी.
पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम करेगी नष्ट
पशुधन के डायरेक्टर रामपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक कमेटी गठित की गई है. जिसमें 3 लोग नामित किए गए हैं. पशु चिकित्सा अधिकारी प्रदेश के जनपदों में इस वैक्सीन को नष्ट करेंगे. इसके साथ ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जा रही है. डायरेक्टर रामपाल सिंह ने बताया कि प्रदेश के सभी 46 जनपदों में अधिकारियों को वैक्सीन नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं.
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यह प्रदेश के 46 जनपद
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने प्रदेश के जिन 46 जनपदों में वैक्सीन को नष्ट करने के निर्देश दिए हैं. उनमें प्रमुख रूप से वाराणसी, उन्नाव, सुल्तानपुर, सिद्धार्थ नगर, श्रावस्ती, सीतापुर, शामली, संभल, शाहजहांपुर, सहारनपुर, रामपुर, रायबरेली, प्रयागराज, पीलीभीत, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, मेरठ, मऊ, मैनपुरी, कुशीनगर, खीरी, कासगंज, कानपुर नगर, कन्नौज, जौनपुर, हाथरस, हरदोई, हापुड़, गोंडा, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, इटावा, एटा, बिजनौर, बस्ती, बरेली, बाराबंकी, बलरामपुर, बहराइच, बागपत, बदायूं, अमेठी, अंबेडकर नगर, आगरा, अमरोहा, आजमगढ़, प्रमुख जनपद हैं.