लखनऊ: जिले की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए परिवहन एवं यातायात निदेशालय ने लखनऊ कमिश्नरेट के लिए 27 मार्च को सड़क सुरक्षा के तहत 81.50 लाख रुपये का बजट आवंटित किया था. 29 मार्च को निदेशालय से पुलिस कमिश्नरेट को ई-मेल भेजकर इसकी जानकारी दी गई थी. इस ई-मेल में 31 मार्च तक संसाधनों की खरीद के साथ आय-व्यय का ब्योरा देकर शेष बजट राजकोष को लौटाने के लिए कहा गया था. 29 मार्च के दिन होली के कारण खरीद के लिए सिर्फ 2 दिन ही मिल सके थे. ऐसे में करीब 20 लाख रुपये के संसाधनों की ही खरीद हो सकी और शेष बजट लौटाना पड़ा.
जानें पूरा मामला
प्रदेश में यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए परिवहन निगम निदेशालय और यातायात निदेशालय ने सड़क सुरक्षा कोष बनाया है. परिवहन निदेशालय इसका नोडल है. ट्रैफिक पुलिस को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने के लिए दोनों निदेशालय ने मिलकर कार्य योजना बनाकर बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा था. इसे 26 मार्च को शासन से मंजूरी मिली थी. इसके बाद 27 मार्च को यातायात निदेशालय ने पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ को बॉडीवार्म कैमरे, ब्रेथ एनालाइजर, स्मार्टफोन, थर्मल प्रिंटर, स्पीड राडार, विद प्रिंटर की खरीद के लिए कुल 81.50 लाख का बजट जारी किया था.
जेम पोर्टल के माध्यम से हुई यह खरीद
यातायात पुलिस 50 बॉडी वार्न कैमरे में से 40 और 50 ब्रेथ एनालाइजर की जगह 20 ब्रेथ एनालाइजर खरीद सकी. साथ ही 50 स्मार्टफोन खरीदने थे. इन्हें पूरा खरीद लिया गया. कुछ थर्मल प्रिंटर भी खरीदे गए हैं. स्पीड रडार विद, स्पीड रडार क्वालिटी का न मिल पाने से इसकी खरीद नहीं हो सकी है. कुल मिलाकर करीब 20 लाख रुपये की खरीद की गई. कुल प्राप्त हुई बजट राशि से 75 फीसदी बजट को वापस करना पड़ा है.
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रखरखाव और मरम्मत के लिए हुआ खर्च
ट्रैफिक व्यवस्था में मरम्मत और रखरखाव के लिए 28.61 लाख रुपये प्राप्त हुए थे, जिन्हें सड़क सुरक्षा संसाधनों की मरम्मत रखरखाव और प्रचार-प्रसार आदि के लिए खर्च किया गया.