लखनऊ: परिवहन विभाग के प्रवर्तन अधिकारियों की लापरवाही का प्राइवेट बस संचालक भरपूर फायदा उठा रहे हैं. यात्रियों की जान जोखिम में डालकर कम पैसे का लालच देकर लंबी दूरी की बसें बेहिचक दौड़ा रहे हैं. उन्हें इस बात का जरा भी खौफ नहीं है कि बीच सफर में ही बस पकड़ी जा सकती है. ऐसी ही एक बिना परमिट की प्राइवेट बस को जो बिहार से पंजाब की तरफ जा रही थी लखनऊ में चेकिंग के दौरान परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने धर दबोचा. इस बस में सीटों की संख्या सिर्फ 36 थी जबकि यात्रियों की संख्या दोगुने से ज्यादा मिली.
परिवहन विभाग के लचर रवैए के चलते लंबी दूरी की बसें बिना परमिट के ही लंबी दूरी के लिए फर्राटा भर रही हैं. यात्रियों को कम पैसे का लालच देकर उनकी जान जोखिम में डाल रही हैं. खास बात यह है कि इन बस संचालकों में परिवहन विभाग के अधिकारियों का जरा भी खौफ नहीं है. बुधवार को लखनऊ में परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने जब एक बस पकड़ी तो उनके भी होश फाख्ता हो गए. 36 सीट की इस बस में 80 से ज्यादा यात्री भूसे की तरह ठूंसकर भरे गए थे.
जब परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने चालक से बस के कागजात मांगे तो पता चला कि बस का परमिट है ही नहीं. बिना परमिट के यह बस बिहार से पंजाब की दूरी तय कर रही है. पूर्वांचल एक्सप्रेस पर चेकिंग दलों ने इस बस को जब्त कर लिया. अपर परिवहन आयुक्त निर्मल प्रसाद के मुताबिक सूचना पर इस बस को पकड़ने के लिए तीन टीमों का गठन कर जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्होंने बताया कि बस नंबर आरजे 30 4455 के चालक अधिकारियों की टीम के मांगने पर परमिट ही प्रस्तुत नहीं कर पाया. कोई कागजात न मिलने पर बस को रोडवेज की नादरगंज वर्कशॉप में बंद करा दिया गया. उन्होंने बताया कि बस में रिफ्लेक्टर टेप भी नहीं लगा था. 46 हजार 500 रुपये का चालान काटते हुए बस मालिक पर जुर्माना लगाया गया है.
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने बताया कि विभाग की तरफ से गठित की गई चेकिंग अभियान के लिए विशेष टीम में एआरटीओ प्रवर्तन सिद्धार्थ यादव, यात्री कर अधिकारी अनिता वर्मा और यात्री कर अधिकारी आभा त्रिपाठी मौजूद रहीं.
ये भी पढ़ेंः आकांक्षा दुबे मौत मामले में समर सिंह का भाई संजय सिंह वाराणसी से गिरफ्तार