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यूपी कोरोना अपडेट: जुलाई के बाद आज मिले 24 घंटे में 80 मरीज, महामारी एक्ट की अवधि बढ़ी - 80 new corona patients found

यूपी में कोरोना वायरस का प्रसार तेज हो गया है. कई जिलों में शून्य हो चुके कोरोना के केस फिर बढ़ने लगे हैं. ऐसे में छठे माह में वायरस ने फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया. मंगलवार को पिछले 24 घंटे में कोरोना के 80 नए मरीज मिले. वहीं केंद्रीय टीम यूपी के दौरे पर है.

यूपी कोरोना अपडेट
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Published : Dec 28, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को 1 लाख 71 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 80 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. एक दिन में इतने केस जुलाई में मिले थे. मंगलावर को 11 मरीज डिस्चार्ज भी किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 23 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. वहीं राजधानी लखनऊ में 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है.

प्रदेश में केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा मरीजों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.


दो जिलों में ओमिक्रोन, 80 हजार निगरानी समिति अलर्ट

17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई थी. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. यूपी में विदेश यात्रा और अन्य राज्यों से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. ज्यादातर मरीजों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. निगरानी समिति को बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखने, रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी दिए गए हैं. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है.

अस्पतालों में अलर्ट जारी.
अस्पतालों में अलर्ट जारी.
551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू
राज्य में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 392 हो गई है. वहीं प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए हैं.
0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट
मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 1.88 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 0.01 फीसद है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई. वर्तमान में 29 जिलों में एक भी कोरोना का केस नहीं है.
98.6 फीसद पर रिकवरी रेट

30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 392 हो गयी है. रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी जो अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई थी अब फिर से रिकवरी रेट 98.7 फीसद के बजाए 98.6 रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए थे. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई थी.



16 हजार केंद्रों पर लगी कोरोना की डोज

यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जारी है. मंगलवार को प्रदेश के 16 हजार बूथों पर 13 लाख डोज लगाईं गईं. अब तक कुल डोज 19 करोड़ 73 लाख से अधिक लोगों को लग गईं हैं. प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर की 85.43 फीसद आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग गई है. वहीं 47.56 फीसद आबादी को दूसरी डोज लग गई है. अब यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं. मंगलवार को प्रदेश में 16,221 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,148 सरकारी और 73 निजी केंद्र बनाए गए थे. यूपी में दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 7 करोड़ पार कर गई है. साथ ही पहली डोज 12 करोड़ 64 लाख से ज्यादा को लग चुकी है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर के बाद सुधार के साथ आगे बढ़ी स्वास्थ्य सेवाएं

यूपी में महामारी एक्ट की अवधि बढ़ी, आदेश जारी

यूपी में कोरोना वायरस का प्रसार तेज होने लगा है. ऐसे में सरकार अब कोविड प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती कर सकती है. लिहाजा, महामारी एक्ट अवधि बढ़ा दी है. उसका संशोधित आदेश राज्यपाल की सहमति से जारी कर दिया गया है. राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में राज्यपाल की सहमति के बाद योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अधिनियम 2020 (एपिडेमिक एक्ट) का संशोधित आदेश जारी कर दिया है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा जारी पत्र में इस कानून की समयावधि में संशोधन करते हुए इसकी वैधता 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी है. नोटिफिकेशन में उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 (ग्यारहवां संशोधन) विनियमावली 2021 के तहत बदलाव किया गया है. पहले इसकी वैधता 31 दिसंबर 2021 तक तय की गई थी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार को 1 लाख 71 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 80 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. एक दिन में इतने केस जुलाई में मिले थे. मंगलावर को 11 मरीज डिस्चार्ज भी किए गए. यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 23 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 42.3 लोगों की जांच की जा रही है. वहीं राजधानी लखनऊ में 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है.

प्रदेश में केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें अब तक सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा मरीजों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया.


दो जिलों में ओमिक्रोन, 80 हजार निगरानी समिति अलर्ट

17 दिसम्बर को गाजियाबाद में दो मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई थी. यह महाराष्ट्र से आये थे. वहीं 25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. यूपी में विदेश यात्रा और अन्य राज्यों से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा. ज्यादातर मरीजों में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. निगरानी समिति को बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखने, रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी दिए गए हैं. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया है.

अस्पतालों में अलर्ट जारी.
अस्पतालों में अलर्ट जारी.
551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू
राज्य में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 392 हो गई है. वहीं प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जारी है. अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए हैं.
0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट
मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 1.88 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 0.01 फीसद है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई. वर्तमान में 29 जिलों में एक भी कोरोना का केस नहीं है.
98.6 फीसद पर रिकवरी रेट

30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 392 हो गयी है. रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी जो अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई थी अब फिर से रिकवरी रेट 98.7 फीसद के बजाए 98.6 रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए थे. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई थी.



16 हजार केंद्रों पर लगी कोरोना की डोज

यूपी में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जारी है. मंगलवार को प्रदेश के 16 हजार बूथों पर 13 लाख डोज लगाईं गईं. अब तक कुल डोज 19 करोड़ 73 लाख से अधिक लोगों को लग गईं हैं. प्रदेश में 18 वर्ष से ऊपर की 85.43 फीसद आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग गई है. वहीं 47.56 फीसद आबादी को दूसरी डोज लग गई है. अब यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की घर-घर खोज की जा रही है. पहली और दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं. मंगलवार को प्रदेश में 16,221 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 16,148 सरकारी और 73 निजी केंद्र बनाए गए थे. यूपी में दूसरी डोज लेने वालों की तादाद 7 करोड़ पार कर गई है. साथ ही पहली डोज 12 करोड़ 64 लाख से ज्यादा को लग चुकी है.

इसे भी पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर के बाद सुधार के साथ आगे बढ़ी स्वास्थ्य सेवाएं

यूपी में महामारी एक्ट की अवधि बढ़ी, आदेश जारी

यूपी में कोरोना वायरस का प्रसार तेज होने लगा है. ऐसे में सरकार अब कोविड प्रोटोकॉल को लेकर सख्ती कर सकती है. लिहाजा, महामारी एक्ट अवधि बढ़ा दी है. उसका संशोधित आदेश राज्यपाल की सहमति से जारी कर दिया गया है. राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में राज्यपाल की सहमति के बाद योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अधिनियम 2020 (एपिडेमिक एक्ट) का संशोधित आदेश जारी कर दिया है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य द्वारा जारी पत्र में इस कानून की समयावधि में संशोधन करते हुए इसकी वैधता 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी है. नोटिफिकेशन में उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 (ग्यारहवां संशोधन) विनियमावली 2021 के तहत बदलाव किया गया है. पहले इसकी वैधता 31 दिसंबर 2021 तक तय की गई थी.

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