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एक व्यक्ति के अंगदान से बच सकती हैं 8 जिंदगियां, करेंगे अंगदान के लिए प्रेरित

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Published : Nov 25, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Nov 25, 2020, 8:34 PM IST

27 नवंबर को विश्व ऑर्गन डोनेशन डे है. इस अवसर पर लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में लोगों को अंगदान का महत्व बताया जाएगा और अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. उन्हें बताया जाएगा कि एक व्यक्ति के अंगदान करने से 8 लोगों की जिंदगी बच सकती है.

एसजीपीजीआई
एसजीपीजीआई

लखनऊः विश्व में लाखों ऐसी मौतें हर वर्ष होती हैं, जिन्हें रोका जा सकता है सिर्फ अंगदान करके. अंगदान के लिए लोगों को जागरूक करने को 27 नवंबर को विश्व ऑर्गन डोनेशन डे मनाया जाता है. इस बार ऑर्गन डोनेशन डे पर लखनऊ के एसजीपीजीआई में भी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.

प्रोफेसर आरके धीमन से बातचीत.

कैंप लगाकर समझाएंगे
कैंप लगाकर लोगों को ऑर्गन डोनेशन यानी अंग दान का महत्व, इसकी जरूरत और इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में बताया जाएगा. एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यदि एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगों को दान किया जाए तो उससे 8 व्यक्तियों की जान बच सकती है. ब्रेन डेड व्यक्ति कभी ठीक नहीं हो पाता. वहीं आंकड़ों के अनुसार सैकड़ों लोग रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड की अवस्था में पहुंच जाते हैं. इनके अंगों को दान कर हम कई जिंदगी बचा सकते हैं.

होगा सेमिनार
वहीं आने वाली 27 नवंबर को एसजीपीजीआई में दोपहर 3 बजे से लेकर 5 बजे तक एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसमें लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही साथ अंगदान करने का क्या तरीका है इसके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाएगी.

देश में अंगों की है कमी
प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि देश में ऐसे रोगियों की संख्या ज्यादा है जिन्हें लीवर व किडनी की आवश्यकता होती है. वहीं रोड साइड एक्सीडेंट की वजह से ब्रेन डेड की अवस्था में पहुंचे लोगों की भी संख्या काफी है. पूरे देश में प्रतिवर्ष 2 लाख लीवर व डेढ़ लाख किडनी की आवश्यकता होती है लेकिन प्रत्यारोपण के लिए सिर्फ दो से ढाई हजार लीवर व 7 से 8 हज़ार किडनी ही मिल पाती हैं. जागरुकता अभियान के माध्यम से अंगों की महत्ता बताते हुए अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. वहीं, ऐसे रोगियों के परिजनों से भी काउंसलिंग कर बात की जाएगी, जो रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड की अवस्था में आ गए हैं.

लखनऊः विश्व में लाखों ऐसी मौतें हर वर्ष होती हैं, जिन्हें रोका जा सकता है सिर्फ अंगदान करके. अंगदान के लिए लोगों को जागरूक करने को 27 नवंबर को विश्व ऑर्गन डोनेशन डे मनाया जाता है. इस बार ऑर्गन डोनेशन डे पर लखनऊ के एसजीपीजीआई में भी जागरुकता अभियान चलाया जाएगा.

प्रोफेसर आरके धीमन से बातचीत.

कैंप लगाकर समझाएंगे
कैंप लगाकर लोगों को ऑर्गन डोनेशन यानी अंग दान का महत्व, इसकी जरूरत और इसकी वर्तमान स्थिति के बारे में बताया जाएगा. एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि यदि एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगों को दान किया जाए तो उससे 8 व्यक्तियों की जान बच सकती है. ब्रेन डेड व्यक्ति कभी ठीक नहीं हो पाता. वहीं आंकड़ों के अनुसार सैकड़ों लोग रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड की अवस्था में पहुंच जाते हैं. इनके अंगों को दान कर हम कई जिंदगी बचा सकते हैं.

होगा सेमिनार
वहीं आने वाली 27 नवंबर को एसजीपीजीआई में दोपहर 3 बजे से लेकर 5 बजे तक एक सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. इसमें लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. साथ ही साथ अंगदान करने का क्या तरीका है इसके बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाएगी.

देश में अंगों की है कमी
प्रोफेसर आरके धीमन ने बताया कि देश में ऐसे रोगियों की संख्या ज्यादा है जिन्हें लीवर व किडनी की आवश्यकता होती है. वहीं रोड साइड एक्सीडेंट की वजह से ब्रेन डेड की अवस्था में पहुंचे लोगों की भी संख्या काफी है. पूरे देश में प्रतिवर्ष 2 लाख लीवर व डेढ़ लाख किडनी की आवश्यकता होती है लेकिन प्रत्यारोपण के लिए सिर्फ दो से ढाई हजार लीवर व 7 से 8 हज़ार किडनी ही मिल पाती हैं. जागरुकता अभियान के माध्यम से अंगों की महत्ता बताते हुए अंगदान के लिए प्रेरित किया जाएगा. वहीं, ऐसे रोगियों के परिजनों से भी काउंसलिंग कर बात की जाएगी, जो रोड एक्सीडेंट में ब्रेन डेड की अवस्था में आ गए हैं.

Last Updated : Nov 25, 2020, 8:34 PM IST
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