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प्रदेश में 8 लाख से अधिक छात्र स्कॉलरशिप के लिए नहीं कर पाए आवेदन, ये रही वजह

समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) से शुरू प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर को समाप्त हो गई थी. प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में करीब 8 लाख की संख्या में छात्र आवेदन करने से रह गए हैं.

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Published : Nov 11, 2022, 6:19 PM IST

Updated : Nov 11, 2022, 7:05 PM IST

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) से शुरू प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर को समाप्त हो गई थी. प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में करीब 8 लाख की संख्या में छात्र आवेदन करने से रह गए हैं. इसके पीछे शिक्षण संस्थाओं के परीक्षा परिणाम समय से जारी न हो पाने, छात्रवृत्ति पोर्टल में तकनीकी अड़चनें और एफिलियेशन की प्रक्रिया पूरी न होने की वजह बताई जा रही है. शिक्षण संस्थाओं के साथ ही साथ आवेदन से वंचित छात्र-छात्राओं का समाज कल्याण विभाग पर आवेदन का पोर्टल खोलने का दबाव बढ़ने लगा है. विभाग के अफसरों का कहना है कि इस बारे में शासन स्तर पर ही निर्णय होना है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में 11 नवंबर तक परास्नातक विषय के द्वितीय व चौथे सेमेस्टर के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए. वहीं स्नातक स्तर पर बीए व बीसीए जैसे बड़े कोर्सों के परिणाम ही रुके हुए हैं. यही हाल प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों का भी है. समाज कल्याण विभाग से अधिकारियों का कहना है कि हर जिले से आवेदन तिथि बढ़ाने की डिमांड की जा रही है. विश्वविद्यालय का कहना है कि कोरोना के कारण जो शैक्षणिक सत्र लेट हुआ था, उसे पटरी पर लाने में अभी और समय लगेगा.

जानकारी देते लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव

लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी का कहना है कि सत्र को पटरी पर लाने के लिए बीते एक साल से विश्वविद्यालय केवल परीक्षा ही कराता आ रहा है. अभी अक्टूबर में ही विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर की परीक्षा समाप्त कराई है. अब दिसंबर से हम और सेमेस्टर की परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे हैं. लूटा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए जुलाई 2023 तक का इंतजार करना पड़ सकता है, तब जाकर सभी विश्वविद्यालयों का शैक्षिक सत्र पटरी पर आएगा.


समाज कल्याण विभाग 15 दिसंबर को सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को स्कॉलरशिप उनके खातों में भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की डेट दो बार बढ़ाकर 7 नवंबर तक रखी गई थी, लेकिन इस दौरान भी प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. ऐसे में विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में एडमिशन ले रहे छात्र अंतिम दिन तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए. जैसे-जैसे एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होती जा रही है, छात्र स्कॉलरशिप के लिए अपने शिक्षण संस्थानों में दौड़ रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा एकेटीयू, डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय, झांसी विश्वविद्यालय में भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है.

परीक्षाओं का परिणाम समय पर ना आने व प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने के कारण कई छात्र अभी भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. इसको देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति की ओर से इस संबंध में एक बैठक की गई है. जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति का मौका मिल सके, इसके लिए समाज कल्याण विभाग को एक पत्र लिखकर आवेदन करने का एक और मौका देने का आग्रह करेगा.

समाज कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 7 नवंबर तक कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के अब तक कुल 61 लाख 90 हजार छात्र-छात्राएं आवेदन कर चुके हैं. इस बार अब तक 32 लाख ओबीसी, 14 लाख 60 हजार एससी, 5 लाख 30 हजार सामान्य वर्ग और 4 लाख 75 हजार अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. वहीं प्री मैट्रिक यानी कक्षा दस से नीचे के एससी के छह लाख और सामान्य वर्ग के दो लाख छात्र-छात्राओं के आवेदन मंजूर हो गये हैं. वहीं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि पूरे मामले से शासन को अवगत करा दिया गया है.

यह भी पढ़ें : कंपनियां करें गड़बड़ी तो होगा समाधान, जानिए बीमा लोकपाल के बारे में

लखनऊ : समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) से शुरू प्रतिपूर्ति के आवेदन की प्रक्रिया 7 नवंबर को समाप्त हो गई थी. प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में करीब 8 लाख की संख्या में छात्र आवेदन करने से रह गए हैं. इसके पीछे शिक्षण संस्थाओं के परीक्षा परिणाम समय से जारी न हो पाने, छात्रवृत्ति पोर्टल में तकनीकी अड़चनें और एफिलियेशन की प्रक्रिया पूरी न होने की वजह बताई जा रही है. शिक्षण संस्थाओं के साथ ही साथ आवेदन से वंचित छात्र-छात्राओं का समाज कल्याण विभाग पर आवेदन का पोर्टल खोलने का दबाव बढ़ने लगा है. विभाग के अफसरों का कहना है कि इस बारे में शासन स्तर पर ही निर्णय होना है.

लखनऊ विश्वविद्यालय में 11 नवंबर तक परास्नातक विषय के द्वितीय व चौथे सेमेस्टर के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए. वहीं स्नातक स्तर पर बीए व बीसीए जैसे बड़े कोर्सों के परिणाम ही रुके हुए हैं. यही हाल प्रदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों का भी है. समाज कल्याण विभाग से अधिकारियों का कहना है कि हर जिले से आवेदन तिथि बढ़ाने की डिमांड की जा रही है. विश्वविद्यालय का कहना है कि कोरोना के कारण जो शैक्षणिक सत्र लेट हुआ था, उसे पटरी पर लाने में अभी और समय लगेगा.

जानकारी देते लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव

लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी का कहना है कि सत्र को पटरी पर लाने के लिए बीते एक साल से विश्वविद्यालय केवल परीक्षा ही कराता आ रहा है. अभी अक्टूबर में ही विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर की परीक्षा समाप्त कराई है. अब दिसंबर से हम और सेमेस्टर की परीक्षा कराने की तैयारी कर रहे हैं. लूटा अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडे ने बताया कि सभी विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक सत्र को पटरी पर लाने के लिए जुलाई 2023 तक का इंतजार करना पड़ सकता है, तब जाकर सभी विश्वविद्यालयों का शैक्षिक सत्र पटरी पर आएगा.


समाज कल्याण विभाग 15 दिसंबर को सभी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को स्कॉलरशिप उनके खातों में भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की डेट दो बार बढ़ाकर 7 नवंबर तक रखी गई थी, लेकिन इस दौरान भी प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. ऐसे में विश्वविद्यालयों व डिग्री कॉलेजों में एडमिशन ले रहे छात्र अंतिम दिन तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए. जैसे-जैसे एडमिशन की प्रक्रिया पूरी होती जा रही है, छात्र स्कॉलरशिप के लिए अपने शिक्षण संस्थानों में दौड़ रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है, इसके अलावा एकेटीयू, डॉ. शकुंतला मिश्रा पुनर्वास विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय, झांसी विश्वविद्यालय में भी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है.

परीक्षाओं का परिणाम समय पर ना आने व प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने के कारण कई छात्र अभी भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. इसको देखते हुए लखनऊ विश्वविद्यालय समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखने की तैयारी कर रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति की ओर से इस संबंध में एक बैठक की गई है. जिसके बाद निर्णय लिया गया है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति का मौका मिल सके, इसके लिए समाज कल्याण विभाग को एक पत्र लिखकर आवेदन करने का एक और मौका देने का आग्रह करेगा.

समाज कल्याण विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, 7 नवंबर तक कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के अब तक कुल 61 लाख 90 हजार छात्र-छात्राएं आवेदन कर चुके हैं. इस बार अब तक 32 लाख ओबीसी, 14 लाख 60 हजार एससी, 5 लाख 30 हजार सामान्य वर्ग और 4 लाख 75 हजार अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. वहीं प्री मैट्रिक यानी कक्षा दस से नीचे के एससी के छह लाख और सामान्य वर्ग के दो लाख छात्र-छात्राओं के आवेदन मंजूर हो गये हैं. वहीं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उनका कहना है कि पूरे मामले से शासन को अवगत करा दिया गया है.

यह भी पढ़ें : कंपनियां करें गड़बड़ी तो होगा समाधान, जानिए बीमा लोकपाल के बारे में

Last Updated : Nov 11, 2022, 7:05 PM IST
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