लखनऊ. मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने बताया कि उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति देने, विद्युत चोरी रोकने, निगम की ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने और राजस्व की स्थिति को बेहतर बनाने के प्रयास में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम प्रबंधन जुटा है. पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (RDSP) के तहत सभी कामों को भलि-भांति संचालित करने के लिए पूरे मध्यांचल डिस्कॉम में कार्य प्रस्तावित किए गए हैं. इस योजना में मध्यांचल के अन्तर्गत लगभग 75 लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाने हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए मध्यांचल डिस्कॉम को सात क्लस्टर में विभाजित किया है.
ये हैं सात क्लस्टर
- लेसा सिस-गोमती.
- लेसा ट्रांस-गोमती.
- लखीमपुर और हरदोई.
- रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव.
- गौरीगंज, अयोध्या, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर.
- बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोण्डा.
- बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहाँपुर.
प्रबंध निदेशक अनिल ढींगरा ने बताया कि लेसा सिस-गोमती और लेसा ट्रांस-गोमती, लखनऊ क्लस्टर के विद्युत चोरी बाहुल्य क्षेत्र हैं, जिनमें चौक, अमीनाबाद, ठाकुरगंज, अपट्रॉन, सेस (II/III/IV) बीकेटी चिनहट, रेजीडेन्सी में रिवैम्पड योजना के अन्तर्गत हाई लॉस क्षेत्र में आमर्ड केबिल बदलने, क्षतिग्रस्त केबिल को एरियल बंच कंडक्टर से बदलने, 33 केवी और 11 केवी लाइन की रि कंडक्टरिंग करने के लिए टेण्डर आमंत्रित किए गए हैं.
पढ़ेंः बिजली चोरी पर एफआईआर को लेकर इंजीनियरों और प्रबंधन के बीच 'नोटिस' बढ़ा रही दूरियां
इनमें चौक डिविजन में 3162.33 लाख रुपये, रेजीडेन्सी में 2795.11 लाख रुपये, सेस-चतुर्थ में 3702.04 लाख रुपये, सेस-द्वितीय में 3737.95 लाख रुपये, सेस-तृतीय में 3661.63 लाख रुपये, अमीनाबाद में 1532.55 लाख रुपये, अपट्रॉन में 2466.34 लाख रुपये, बीकेटी में 6803.00 लाख रुपये, चिनहट में 7029.00 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित है. आमर्ड केबिल से विद्युत चोरी को रोकने में मदद मिलेगी. इस योजना में मध्यांचल के अन्तर्गत लगभग 75 लाख स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाने हैं. जिसमें लेसा ट्रांस-गोमती में लगभग 4,06,429 व लेसा सिस-गोमती में लगभग 6,66,755 स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाना प्रस्तावित हैं. जिससे निगम के राजस्व को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि तकनीकी एवं वाणिज्य लॉस भी कम होंगे. इससे निश्चित रूप में ACS (Average Cost of Supply) और ARR (Average Revenue Realization) के अन्तर को भी कम किया जा सकेगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप