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69000 शिक्षक भर्ती मामला: भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी पीएम मोदी से मिलने जाएंगे अयोध्या - UP teacher recruitment

यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती (69000 Teacher Recruitment in UP) में आरक्षण में गड़बड़ी को लेकर धरने पर बैठे अभ्यार्थियों के 562 दिन हो चुके हैं. अब 5 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थियों ने अयोध्या पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 29, 2023, 10:32 PM IST



लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पत्र की मांग करते हुए अभ्यर्थियों को 562 दिन हो गए. 5 दिनों से अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर हैं. अभ्यर्थियों ने शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने की बात कही है. बता दें कि शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति को दूर किए जाने के बाद भी नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर हैं.

गुरुवार देर शाम भूख हड़ताल पर बैठे संभल से आए एक अभ्यर्थी गंगाशरण की तबीयत खराब हो गई थी, जिसे भूखा रहने की वजह से चक्कर आ रहा था, उठने बैठने में दिक्कत हो रही थी. अभ्यर्थी बार-बार बेहोश हो जा रहा था. अभ्यर्थी को एंबुलेंस से लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के बाद उनका भूख हड़ताल समाप्त कराया गया. अब उनके स्थान पर आशीष गुप्ता ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं, मेरठ से आई एक महिला अभ्यर्थी का बीपी लो हो गया है, उसे भी लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया.

भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने बताया कि शासन-प्रशासन में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आ रहे हैं. हम लोगों की कोशिश है की प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी समस्या के बारे में उन्हें अवगत करायें. इसके लिए उन लोगों ने अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे मामले का निस्तारण नहीं हुआ तो 2 जनवरी से यहां मौजूद सभी अभ्यर्थी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे.

उन्होंने बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियुक्ति पत्र की मांग करते हुए अभ्यर्थियों को 562 दिन हो गए. 5 दिनों से अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर हैं. अभ्यर्थियों ने शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करने की बात कही है. बता दें कि शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में हुई विसंगति को दूर किए जाने के बाद भी नियुक्ति पाने से वंचित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी भूख हड़ताल पर हैं.

गुरुवार देर शाम भूख हड़ताल पर बैठे संभल से आए एक अभ्यर्थी गंगाशरण की तबीयत खराब हो गई थी, जिसे भूखा रहने की वजह से चक्कर आ रहा था, उठने बैठने में दिक्कत हो रही थी. अभ्यर्थी बार-बार बेहोश हो जा रहा था. अभ्यर्थी को एंबुलेंस से लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के बाद उनका भूख हड़ताल समाप्त कराया गया. अब उनके स्थान पर आशीष गुप्ता ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं, मेरठ से आई एक महिला अभ्यर्थी का बीपी लो हो गया है, उसे भी लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया.

भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी अमरेंद्र पटेल ने बताया कि शासन-प्रशासन में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आ रहे हैं. हम लोगों की कोशिश है की प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी समस्या के बारे में उन्हें अवगत करायें. इसके लिए उन लोगों ने अयोध्या जाने का प्लान बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे मामले का निस्तारण नहीं हुआ तो 2 जनवरी से यहां मौजूद सभी अभ्यर्थी सामूहिक रूप से भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे.

उन्होंने बताया की 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में अनियमितता बरती गई. जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया. इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीड़ित दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिल सका है.

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