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यूपीडा की 68वीं बोर्ड बैठक में परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर हुई चर्चा, जानें किन बातों पर बनीं सहमति

राजधानी लखनऊ में शनिवार को यूपीडा (UPIDA) की 68वीं बोर्ड बैठक हुई. जिसमें विभिन्न विकास योजनाओं को आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई. इस बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना (Ganga Expressway Project) के साथ पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे (Purvanchal and Bundelkhand Expressway) को लेकर कई प्रस्तावों पर सहमति बनीं.

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Published : Aug 28, 2021, 7:59 PM IST

लखनऊ : यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Chief Executive Officer of UPIDA) अवनीश कुमार अवस्थी (Avnish Kumar Awasthi) की अध्यक्षता में शनिवार 68वीं बोर्ड बैठक यूपीडा (UPIDA) कार्यालय में सम्पन्न हुई. इस बैठक में निदेशक मण्डल के सदस्य तथा यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में कई अहम बिन्दुओं पर चर्चा कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

इस बोर्ड बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना (Ganga Expressway Project) के क्रियान्वयन के लिए सिक्योरिटाइजेशन के आधार पर बैंको से ऋण प्राप्त किए जाने के लिए यूपीडा निदेशक मण्डल द्वारा सहमति प्रकट करते हुए स्वीकृति प्रदान की गई. बोर्ड को इस बात से अवगत कराया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अपने अन्तिम दौर में है. गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु कुल भूमि के सापेक्ष अब तक 6800 हेक्टेयर से अधिक यानि की 93 प्रतिशत भूमि का क्रय या अधिग्रहण किया जा चुका है.

निदेशक मण्डल को यह भी अवगत कराया गया कि पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे (Purvanchal and Bundelkhand Expressway) के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने के लिए सरकार की ओर से यूपीडा को अधिकृत किया गया है और इस संदर्भ में यूपीडा द्वारा परामर्शी फर्मों के चयन की प्रक्रिया जारी है. साथ ही अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक भौतिक निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. बैठक में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे तथा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना (Purvanchal Expressway Project) में चेंज ऑफ स्कोप के अन्तर्गत कराए जा रहे कार्यों हेतु बोर्ड द्वारा सहमति प्राप्त कर स्वीकृति ली गई.

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इसके साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर, फेन्सिंग की देख-रेख, तोड़-फोड़ की रिर्पोटिंग तथा जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए एजेंसी के चयन के बोर्ड से स्वीकृति ली गई. इसकेृ साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को त्वरित उपचार एवं नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाने के लिए प्रत्येक पैकेजों में एक-एक कुल आठ एम्बुलेन्स के लिए एजेंसी के चयन के लिए बोर्ड से स्वीकृति ली गई.



बैठक में इन कार्यों के लिए दी गई सहमति

  • गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सिक्योरिटाइजेशन के आधार पर बैंको से ऋण प्राप्त किए जाने हेतु यूपीडा बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई.
  • गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु कुल भूमि के सापेक्ष अब तक 93 प्रतिशत से अधिक भूमि का क्रय या अधिग्रहण किया जा चुका है.
  • पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने हेतु सरकार की ओर से यूपीडा को अधिकृत किया गया.
  • बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना की वर्तमान निर्माण कार्यों की प्रगति से बोर्ड को अवगत कराया गया, इस परियोजना का 70 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य संपन्न हो चुका है.
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर, फेन्सिंग की देख-रेख, तोड़-फोड़ की रिर्पोटिंग तथा जानवरों के प्रवेश को रोकने से संबंधित एजेंसी के चयन हेतु बोर्ड से स्वीकृति ली गई.
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को त्वरित उपचार एवं नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाने हेतु प्रत्येक पैकेजों में 01-01 कुल 08 एम्बुलेन्स के लिए एजेंसी के चयन हेतु बोर्ड से स्वीकृति ली गई.

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लखनऊ : यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (Chief Executive Officer of UPIDA) अवनीश कुमार अवस्थी (Avnish Kumar Awasthi) की अध्यक्षता में शनिवार 68वीं बोर्ड बैठक यूपीडा (UPIDA) कार्यालय में सम्पन्न हुई. इस बैठक में निदेशक मण्डल के सदस्य तथा यूपीडा के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए. बैठक में कई अहम बिन्दुओं पर चर्चा कर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.

इस बोर्ड बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना (Ganga Expressway Project) के क्रियान्वयन के लिए सिक्योरिटाइजेशन के आधार पर बैंको से ऋण प्राप्त किए जाने के लिए यूपीडा निदेशक मण्डल द्वारा सहमति प्रकट करते हुए स्वीकृति प्रदान की गई. बोर्ड को इस बात से अवगत कराया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य अपने अन्तिम दौर में है. गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु कुल भूमि के सापेक्ष अब तक 6800 हेक्टेयर से अधिक यानि की 93 प्रतिशत भूमि का क्रय या अधिग्रहण किया जा चुका है.

निदेशक मण्डल को यह भी अवगत कराया गया कि पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे (Purvanchal and Bundelkhand Expressway) के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने के लिए सरकार की ओर से यूपीडा को अधिकृत किया गया है और इस संदर्भ में यूपीडा द्वारा परामर्शी फर्मों के चयन की प्रक्रिया जारी है. साथ ही अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) का निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. वर्तमान में 70 प्रतिशत से अधिक भौतिक निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है. बैठक में बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे तथा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना (Purvanchal Expressway Project) में चेंज ऑफ स्कोप के अन्तर्गत कराए जा रहे कार्यों हेतु बोर्ड द्वारा सहमति प्राप्त कर स्वीकृति ली गई.

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इसके साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर, फेन्सिंग की देख-रेख, तोड़-फोड़ की रिर्पोटिंग तथा जानवरों के प्रवेश को रोकने के लिए एजेंसी के चयन के बोर्ड से स्वीकृति ली गई. इसकेृ साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को त्वरित उपचार एवं नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाने के लिए प्रत्येक पैकेजों में एक-एक कुल आठ एम्बुलेन्स के लिए एजेंसी के चयन के लिए बोर्ड से स्वीकृति ली गई.



बैठक में इन कार्यों के लिए दी गई सहमति

  • गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सिक्योरिटाइजेशन के आधार पर बैंको से ऋण प्राप्त किए जाने हेतु यूपीडा बोर्ड द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई.
  • गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना हेतु कुल भूमि के सापेक्ष अब तक 93 प्रतिशत से अधिक भूमि का क्रय या अधिग्रहण किया जा चुका है.
  • पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर इंडस्ट्रीयल हब बनाने हेतु सरकार की ओर से यूपीडा को अधिकृत किया गया.
  • बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे परियोजना की वर्तमान निर्माण कार्यों की प्रगति से बोर्ड को अवगत कराया गया, इस परियोजना का 70 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य संपन्न हो चुका है.
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर, फेन्सिंग की देख-रेख, तोड़-फोड़ की रिर्पोटिंग तथा जानवरों के प्रवेश को रोकने से संबंधित एजेंसी के चयन हेतु बोर्ड से स्वीकृति ली गई.
  • पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को त्वरित उपचार एवं नजदीकी चिकित्सालय में पहुंचाने हेतु प्रत्येक पैकेजों में 01-01 कुल 08 एम्बुलेन्स के लिए एजेंसी के चयन हेतु बोर्ड से स्वीकृति ली गई.

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