लखनऊ: हज कमेटी ऑफ इंडिया के पास हज यात्रा पर जाने के लिए इस बार अब तक के सबसे कम आवेदन आए हैं. जिससे यह माना जा रहा है कि इस वर्ष जितने भी आवेदन हज कमेटी ऑफ इंडिया को प्राप्त हुए हैं वह हज यात्री बिना लॉटरी सिस्टम के हज के पवित्र सफर पर जा सकेंगे.
कोरोना का कहर इस बार भी हज यात्रा पर देखने को मिल रहा है. मुंबई स्थित हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से हज आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 जनवरी थी. इस तिथि के निकल जाने के बावजूद इस वर्ष हज पर जाने के लिए देशभर से सिर्फ 60 हजार आवेदन ही प्राप्त हुए हैं. हालांकि पिछले वर्ष हज यात्रा कोरोना महामारी के कारण स्थगित हो गई थी, जिसकी वजह से यह माना जा रहा था कि इस साल हज पर जाने वालों के आवेदनों की संख्या में भारी इजाफा होगा.
लेकिन इस वर्ष भी करोना के कारण देशभर से काफी कम आवेदन ही प्राप्त हुए हैं. जिसमें यूपी से महज 5500 के करीब आवेदन राज्य हज समिति को प्राप्त हुए हैं. जबकि सरकार की ओर यूपी का कोटा देश में सबसे अधिक है.
सऊदी सरकार की गाइडलाइन का इंतजार
सऊदी सरकार ने अभी तक हज यात्रा को लेकर विदेशों से आने वाले हज यात्रियों के लिए गाइडलाइन जारी नहीं की है. सऊदी अरब से गाइडलाइन जारी होने की बाद ही हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से हज यात्रियों के जाने कि संख्या और अन्य स्थितियां स्पष्ट हो सकेंगी.
यूपी से 5500 आवेदन
जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश मुसलमानों की संख्या के लिहाज से भी काफी अहम माना जाता है. यहां मुसलमानों की जनसंख्या को देखते हुए देश में सबसे ज्यादा हज पर जाने का कोटा भारत सरकार और हज कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से यूपी के लिए तय किया गया है. इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण यूपी से सिर्फ 5500 आवेदन ही अब तक प्राप्त हुए हैं. पिछले वर्षों की तुलना में यह आवेदन एक चौथाई भी नहीं है.
हज जाने का सबको मिलेगा मौका
कोरोना संक्रमण के डर को देखते हुए इस वर्ष हज के लिए काफी कम आवेदन प्राप्त हुए हैं. कोटे के लिहाज से जो आवेदन प्राप्त हुए हैं उनकी संख्या बेहद कम है. ऐसे में इस साल सभी को हज यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता है. बस इंतजार है तो सऊदी सरकार की ओर से जारी होने वाली गाइडलाइन का.