लखनऊः प्रदेश सरकार ने अब बड़े शहरों के साथ ही छोटे शहरों के भी विकास पर फोकस करना शुरू कर दिया है. नगर नियोजन विभाग की तरफ से प्रदेश के 59 शहरों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. मास्टर प्लान लाने के बाद संबंधित सभी 59 शहरों में इसी के अनुरूप डेवलपमेंट किया जाएगा. 59 शहरों के लिए आने वाला मास्टर प्लान केंद्र सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत लाया जाएगा.
नगर नियोजन विभाग की तरफ से हो रही तैयारी
मुख्य नगर नियोजन विभाग की तरफ से 59 शहरों के मास्टर प्लान की पूरी तैयारी की गई है. इसको लेकर कहां क्या करना है, कहां विकास से जुड़े काम किए जाने हैं, उसको लेकर पूरी प्लानिंग कर ली गई है. खास बात यह रहेगी कि मास्टर प्लान के अंतर्गत सभी संबंधित शहरों में स्कूल, खेल मैदान, अस्पताल, बस अड्डा के साथ आवासीय कमर्शियल और मिक्सलैंड यूज वाली जमीनों का क्षेत्र निर्धारण भी किया जाएगा. रेजिडेंशियल के साथ-साथ कमर्शियल एक्टिविटीज वाले सभी प्रकार के संस्थान, इंस्टीट्यूशनल लैंड यूज सहित अन्य तरह की गतिविधियों को चिह्नित करते हुए जमीनों का निर्धारण किया जाएगा.
अमृत योजना के अंतर्गत बन रहा है मास्टर प्लान
केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश के 59 शहरों को अमृत योजना के लिए चयनित किया है. केंद्रीय सरकार की शर्तों और नियमों के अनुसार अमृत योजना वाले सभी शहरों का मास्टर प्लान बनाने की अनिवार्यता रखी गई है. इसके बाद उत्तर प्रदेश के नगर नियोजन विभाग की तरफ से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार बनेगा मास्टर प्लान
केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आबादी व क्षेत्र के हिसाब से सुविधाओं का मानक निर्धारित किया गया है. नयी आवासीय योजनाओं में अस्पताल, स्कूल, खेल के मैदान, कॉलेज, पुलिस, थाना पार्किंग, सीवेज, ड्रेनेज व पेयजल नेटवर्क सड़क के लिए जमीनों का मानक तय होना है.
व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भी रखा जाएगा ध्यान
इस पूरी कवायद के अंतर्गत आवासीय प्लाटों पर बढ़ती व्यवसायिक गतिविधियों का भी समाधान किया जाएगा. नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और जमीनें भी इस नए मास्टर प्लान के अंतर्गत निर्धारित करने का काम होगा. ट्रांसपोर्ट नगर और नए बस अड्डे के लिए भी जमीन आरक्षित की जाएंगी.
मास्टर प्लान बनाने का काम जारी
प्रदेश के 59 शहरों में अमृत योजना के अंतर्गत मास्टर प्लान बनाने का काम चल रहा है. 31 मार्च तक इसको फाइनल कर दिया जाएगा और उसके बाद आपत्तियां भी मांगी जाएंगी. इसके बाद उनका निस्तारण होगा और फिर मास्टर प्लान पूरी तरह से लागू करने का काम किया जाएगा. इसके अंतर्गत आबादी के अनुसार सुविधाओं का ध्यान मास्टर प्लान में रखा जाएगा. इसके अंतर्गत नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास और जमीनों को आरक्षित करने का काम होगा. लैंड यूज, एक जमीन पर आवासीय व व्यवसायिक निर्माण की अनुमति देने की व्यवस्था होगी. हर शहर की विशेषता के अनुसार मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है.