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एसजीपीजीआई में बढ़ेंगे 550 बेड, मरीजों को मिलेगी राहत - lucknow latest news

लखनऊ में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने एसजीपीजीआई का दौरा किया. एसजीपीजीआई के कैंपस में 550 बेडों वाला नया भवन बनकर तैयार हो रहा है. इससे मरीजों को राहत मिलेगी.

एसजीपीजीआई
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Published : Jun 11, 2021, 10:56 PM IST

लखनऊ: एसजीपीजीआई में मरीजों को अब बेडों की समस्‍या से जूझना नहीं होगा. एसजीपीजीआई के कैंपस में नया भवन बनकर तैयार हो रहा है. इसमें 550 बेडों का विस्‍तार होगा. प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा ने शुक्रवार को संस्‍थान का दौरा कर व्‍यवस्‍थाओं का जायजा लिया.

मेडिसिन और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग का लिया जायजा

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने शुक्रवार को संस्थान का दौरा किया. उन्होंने संस्थान में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान इमरजेंसी मेडिसिन और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के बारे में जायजा लिया. साथ ही पीएमएसएसवाई ब्‍लॉक, लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट, हेपेटालाजी विभाग की तैयारियों को भी जाना. संबंधित विभागों के अध्यक्षों ने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्‍तुत की. ऐसे में संस्‍थान में जहां जल्‍द ही लिवर प्रत्‍यारोपण शुरू होगा, वहीं किडनी प्रत्‍यारोपण को भी विस्‍तार मिलेगा.

पोस्ट कोविड क्लीनिक का भी किया निरीक्षण
इस दौरान प्रमुख सचिव ने पोस्ट कोविड क्लीनिक, ब्‍लैक फंगस वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, आइसीयू, पोस्ट ऑपरेटिव यूनिट, डायलिसिस, और मेडिकल ईंटेसिव इकाई का निरीक्षण किया. निरीक्षण के वक्‍त संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल व अध्यक्ष नवीन ओपीडी प्रोफेसर सुशील गुप्ता मौजूद रहे.

डायलिसिस के होंगे 115 बेड

निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान के मुताबिक, पीजीआई में शीघ्र 550 बेड बढेंगे. इसमें 220 बेड इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के होंगे. इसके अलावा 165 बेड नेफ्रोलॉजी विभाग के होंगे. इसमें 115 बेड डायलिसिस के होंगे. शेष बेड यूरोलॉजी विभाग के लिए होंगे. वर्तमान में पीजीआई में 1610 बेड हैं. बेड बढने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. मरीजों को सस्‍ती दर पर विश्‍वस्‍तरीय इलाज मिल सकेगा.

इसे भी पढ़ें- हेयर फॉल कंट्रोल प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से बचें, शरीर पर पड़ता है इसका साइड इफेक्ट

लखनऊ: एसजीपीजीआई में मरीजों को अब बेडों की समस्‍या से जूझना नहीं होगा. एसजीपीजीआई के कैंपस में नया भवन बनकर तैयार हो रहा है. इसमें 550 बेडों का विस्‍तार होगा. प्रमुख सचिव चिकित्‍सा शिक्षा ने शुक्रवार को संस्‍थान का दौरा कर व्‍यवस्‍थाओं का जायजा लिया.

मेडिसिन और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग का लिया जायजा

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने शुक्रवार को संस्थान का दौरा किया. उन्होंने संस्थान में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस दौरान इमरजेंसी मेडिसिन और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के बारे में जायजा लिया. साथ ही पीएमएसएसवाई ब्‍लॉक, लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट, हेपेटालाजी विभाग की तैयारियों को भी जाना. संबंधित विभागों के अध्यक्षों ने कार्यों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्‍तुत की. ऐसे में संस्‍थान में जहां जल्‍द ही लिवर प्रत्‍यारोपण शुरू होगा, वहीं किडनी प्रत्‍यारोपण को भी विस्‍तार मिलेगा.

पोस्ट कोविड क्लीनिक का भी किया निरीक्षण
इस दौरान प्रमुख सचिव ने पोस्ट कोविड क्लीनिक, ब्‍लैक फंगस वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, आइसीयू, पोस्ट ऑपरेटिव यूनिट, डायलिसिस, और मेडिकल ईंटेसिव इकाई का निरीक्षण किया. निरीक्षण के वक्‍त संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा, संयुक्त निदेशक (प्रशासन) प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल व अध्यक्ष नवीन ओपीडी प्रोफेसर सुशील गुप्ता मौजूद रहे.

डायलिसिस के होंगे 115 बेड

निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान के मुताबिक, पीजीआई में शीघ्र 550 बेड बढेंगे. इसमें 220 बेड इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के होंगे. इसके अलावा 165 बेड नेफ्रोलॉजी विभाग के होंगे. इसमें 115 बेड डायलिसिस के होंगे. शेष बेड यूरोलॉजी विभाग के लिए होंगे. वर्तमान में पीजीआई में 1610 बेड हैं. बेड बढने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. मरीजों को सस्‍ती दर पर विश्‍वस्‍तरीय इलाज मिल सकेगा.

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