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यूपी कोरोना अपडेट: आज आए 5 हजार से ज्यादा नए मामले,90.2 फीसद में मिली एंटीबॉडी

यूपी में कोरोना का प्रसार घट रहा है. बुधवार को कोरोना आंकड़ों में पिछले दिन की अपेक्षा गिरावट आई. आज प्रदेश में पांच हजार नए मरीज मिले. इस दौरान 22 की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा बुधवार को संक्रमण दर में और भी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई.

यूपी कोरोना अपडेट
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Published : Feb 2, 2022, 8:01 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुधवार को 24 घंटे में 2 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 5052 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. साथ ही 10,398 मरीज डिस्चार्ज किए गए.यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 98 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया जा रहा है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसद थी. इसके अलावा 25 जनवरी को संक्रमण दर 4.98 फीसद थी, जो अब घटकर 2.46 फीसद पर आ गई.

अब तक 359 ओमिक्रोन के मरीज

25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.

कोरोना मामले घटकर हुए 41 हजार
राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 616 एक्टिव केस थे. वहीं बुधवार को 41 हजार रह गई. सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की व्यवस्था कर ली है.अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.

0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट से 2.46 हुई

यूपी में मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.03 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 2.46 फीसद हो गई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई.अक्टूबर में संक्रमण दर 0.01 फीसद थी.

95 से 96.5 फीसद रिकवरी रेट
30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 41 हजार हो गयी है. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 96.5 फीसद रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कोरोना की रफ्तार घटी, मंगलवार को मिले 4,901 नए मरीज...

90.2 फीसद में मिली एंटीबॉडी

यूपी में कोरोना की तीसरी लहर के बीच सीरो सर्वे कराया गया.इसमें ऐसे जिलों का चयन किया गया, जिनमें कुछ में टीकाकरण का ग्राफ अच्छा था. वहीं कुछ में टीकाकरण कम हुआ था. यहां के लोगों के खून के सैम्पल की जांच की गई, तो 90.2 फीसद में एंटीबॉडी मिली. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, तीसरी लहर का कितना क्या असर रहेगा. वैक्सीनेशन का क्या प्रभाव पड़ा. इसको लेकर 20 दिन पहले सीरो सर्वे कराया गया. लोगों के रेंडमली ब्लड के सैम्पल लिए गए. इसके बाद लैब में जांच कर एंटीबॉडी का आंकलन किया गया.

इन जिलों में लिए सैम्पल


प्रदेश के पांच जनपदों बलिया, सम्भल, गाजियाबाद, कुशीनगर और शाहजहांपुर में एन्टी बॉडी का स्तर पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण कराया गया. इन पांच जनपदों में ओवर आल 90.2 प्रतिशत लोगों में एन्टी बॉडी मिली है, जो हाई लेवल की है. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी लोग अपना कोविड टीकाकरण अवश्य करवाएं. जिन लोगों ने अपनी पहली डोज ले ली है समय आने पर दूसरी डोज भी अवश्य लें. कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है.

यूपी में किशोरों को दूसरी डोज़ लगना शुरू, 36 हजार को लगी वैक्सीन


यूपी में बुजुर्गों, वयस्कों के साथ किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान जारी है. सोमवार को राज्य की 18 वर्ष से ऊपर की पूरी आबादी को टीके की पहली डोज लग गयी है. अब किशोरों को दूसरी डोज लगना शुरू हो गई है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 15 से अधिक 18 से कम के किशोरों को तीन जनवरी से टीका लगना शुरू हुआ था. इन्हें को-वैक्सीन लगाई जा रही है. 28 दिन के अंतराल में दूसरी डोज लगाई जाती है. ऐसे में कई बच्चे अवधि पूरी कर चुके हैं. 36 हजार बच्चों को दूसरी डोज लगा दी गई है.

70.58 फीसद को लगी दूसरी डोज

अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 18 वर्ष से ऊपर की 15 करोड़ के करीब आबादी है. सोमवार को 100 फीसद आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं पहली डोज वालों की तादाद 100.35 फीसद हो गयी है. इसके अलावा 70 फीसद को दूसरी डोज लग गई. वहीं यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की 29 जनवरी तक घर-घर खोज का अभियान चला. दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज़ लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.



ऑन द स्पॉट पंजीकरण


यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है. सोमवार को मेगा कैम्प लगाए गए. इसमें किशोरों के वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया गया.



17 हजार 223 बूथों पर लगी वैक्सीन


बुधवार को शाम तक 17,223 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 17,150 सरकारी और 73 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इस दौरान 13 से ज्यादा को डोज लगीं. यूपी में कुल डोज सवा 26 करोड़ 42 लाख से ज्यादा लग गई है. इसमें पहली डोज लेने वालों की तादाद 15 करोड़ 81 लाख पार कर गई. वहीं दूसरी डोज़ लेने वालों की कुल तादाद 10 करोड़ 46 लाख से ज्यादा हो गई है.


15 लाख को लगी बूस्टर डोज


पहले तीसरी डोज तभी लगती थी जब दूसरी डोज लगने के 9 माह या 39 सप्ताह (273 दिन) पूरे हो गए हों. मगर, अब कर्मचारियों को तीन माह या 90 दिन के गैप पर लगाई जा सकती है. ऐसे में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ी है. तीसरी डोज लगाने वालों की संख्या 15 लाख 25 हजार पार कर गई हैं. राज्य में 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगना शुरू हुई. पहले चरण में हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को तीसरी डोज लगाई जा रही है. इसमें पुलिस कर्मी भी शामिल हैं. वहीं 97 लाख किशोरों को पहली डोज लगीं.


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बुधवार को 24 घंटे में 2 लाख से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए. इसमें 5052 नए मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई. साथ ही 10,398 मरीज डिस्चार्ज किए गए.यूपी में देश में सर्वाधिक 9 करोड़ 98 लाख से अधिक टेस्ट किए गए. यहां एक व्यक्ति के पॉजिटिव आने पर 55 लोगों की जांच की जा रही है. यह डब्ल्यूएचओ के मानक से अधिक है. इस दौरान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, बीएचयू, सीडीआरआई की लैब के अलावा गोरखपुर, झांसी व मेरठ में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट शुरू करने के निर्देश दिए गए. दूसरी लहर में सिर्फ दो डेल्टा प्लस के केस रहे. वहीं 90 फीसद से ज्यादा डेल्टा वैरिएंट ही पाया गया. तीसरी लहर में 90 फीसद ओमिक्रोन वैरिएंट पाया जा रहा है. 17 जनवरी को दैनिक संक्रमण दर 7.11 फीसद, 19 जनवरी को सबसे अधिक 7.78 फीसद थी. इसके अलावा 25 जनवरी को संक्रमण दर 4.98 फीसद थी, जो अब घटकर 2.46 फीसद पर आ गई.

अब तक 359 ओमिक्रोन के मरीज

25 दिसम्बर को रायबरेली की महिला में ओमिक्रोन वैरिएंट पाया गया. यह महिला अमेरिका से आई थी. चार जनवरी को 23 मरीज मिले. अब तक कुल 526 सैम्पल की जीन सीक्वेंसिंग की गई. इसमें 359 ओमिक्रोन के मरीज पाए गए हैं. यूपी में विदेश यात्रा व अन्य राज्य से आ रहे लोगों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. एयर पोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप पर जांचें हो रही हैं. इस दौरान पॉजिटिव आने पर मरीज का सैम्पल जीन सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. अब हर भर्ती मरीज का भी जीन सीक्वेंसिंग टेस्ट होगा. ज्यादातर में डेल्टा वैरिएंट ही पाया जा रहा है. वहीं निगरानी समिति बाहर से लौटे लोगों की निगरानी रखें. रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उन्हें क्वारन्टीन करने के निर्देश जारी किए गए. गांव से लेकर शहर तक की निगरानी समितियों को अलर्ट कर दिया गया.

कोरोना मामले घटकर हुए 41 हजार
राज्य में जनवरी शुरुआत में तीसरी लहर पीक पर थी. इस दौरान एक लाख 16 हजार 616 एक्टिव केस थे. वहीं बुधवार को 41 हजार रह गई. सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की व्यवस्था कर ली है.अस्पतालों में 551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो गए हैं. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.

0.01 फीसद पॉजिटीविटी रेट से 2.46 हुई

यूपी में मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 2.03 फीसद है. इसके अलावा राज्य में दैनिक पॉजिटीविटी रेट 2.46 फीसद हो गई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा, जबकि जुलाई में 0.3 फीसद पॉजिटीविटी रेट की गई.अक्टूबर में संक्रमण दर 0.01 फीसद थी.

95 से 96.5 फीसद रिकवरी रेट
30 अप्रैल 2021 को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रहे. अब यह संख्या 41 हजार हो गयी है. वहीं रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी. अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई. वर्तमान में फिर रिकवरी रेट 96.5 फीसद रह गयी है. राज्य में 24 अप्रैल 2021 को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 की जान चली गई.

इसे भी पढ़ें- यूपी में कोरोना की रफ्तार घटी, मंगलवार को मिले 4,901 नए मरीज...

90.2 फीसद में मिली एंटीबॉडी

यूपी में कोरोना की तीसरी लहर के बीच सीरो सर्वे कराया गया.इसमें ऐसे जिलों का चयन किया गया, जिनमें कुछ में टीकाकरण का ग्राफ अच्छा था. वहीं कुछ में टीकाकरण कम हुआ था. यहां के लोगों के खून के सैम्पल की जांच की गई, तो 90.2 फीसद में एंटीबॉडी मिली. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, तीसरी लहर का कितना क्या असर रहेगा. वैक्सीनेशन का क्या प्रभाव पड़ा. इसको लेकर 20 दिन पहले सीरो सर्वे कराया गया. लोगों के रेंडमली ब्लड के सैम्पल लिए गए. इसके बाद लैब में जांच कर एंटीबॉडी का आंकलन किया गया.

इन जिलों में लिए सैम्पल


प्रदेश के पांच जनपदों बलिया, सम्भल, गाजियाबाद, कुशीनगर और शाहजहांपुर में एन्टी बॉडी का स्तर पता लगाने के लिए सीरो सर्वेक्षण कराया गया. इन पांच जनपदों में ओवर आल 90.2 प्रतिशत लोगों में एन्टी बॉडी मिली है, जो हाई लेवल की है. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सभी लोग अपना कोविड टीकाकरण अवश्य करवाएं. जिन लोगों ने अपनी पहली डोज ले ली है समय आने पर दूसरी डोज भी अवश्य लें. कोविड संक्रमण अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है.

यूपी में किशोरों को दूसरी डोज़ लगना शुरू, 36 हजार को लगी वैक्सीन


यूपी में बुजुर्गों, वयस्कों के साथ किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान जारी है. सोमवार को राज्य की 18 वर्ष से ऊपर की पूरी आबादी को टीके की पहली डोज लग गयी है. अब किशोरों को दूसरी डोज लगना शुरू हो गई है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 15 से अधिक 18 से कम के किशोरों को तीन जनवरी से टीका लगना शुरू हुआ था. इन्हें को-वैक्सीन लगाई जा रही है. 28 दिन के अंतराल में दूसरी डोज लगाई जाती है. ऐसे में कई बच्चे अवधि पूरी कर चुके हैं. 36 हजार बच्चों को दूसरी डोज लगा दी गई है.

70.58 फीसद को लगी दूसरी डोज

अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, 18 वर्ष से ऊपर की 15 करोड़ के करीब आबादी है. सोमवार को 100 फीसद आबादी को पहली डोज लग गई है. वहीं पहली डोज वालों की तादाद 100.35 फीसद हो गयी है. इसके अलावा 70 फीसद को दूसरी डोज लग गई. वहीं यूपी में वैक्सीन से वंचित रहे लोगों की 29 जनवरी तक घर-घर खोज का अभियान चला. दूसरी डोज के छूटे लोगों की लिस्ट बनाकर डोज़ लगाई जा रही है. ऐसे ही दिव्यांग और निराश्रित लोगों को भी वैक्सीन की डोज देने के निर्देश दिए गए हैं.



ऑन द स्पॉट पंजीकरण


यूपी में क्षेत्रों को क्लस्टर में बांटकर दोबारा टीकाकरण शुरू किया गया. इसमें दूसरी डोज लगाने के काम पर भी जोर दिया जा रहा है. इसमें फिक्स बूथ के अलावा कैम्प व घर-घर वैक्सीन की ड्राइव चलाई जा रही है. जिन इलाकों में क्लस्टर बनाकर पहली डोज लगाई गई है. उन क्षेत्रों में अब दूसरी डोज भी लगाई जा रही हैं. मौके पर ही पंजीकरण हो रहा है. सोमवार को मेगा कैम्प लगाए गए. इसमें किशोरों के वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया गया.



17 हजार 223 बूथों पर लगी वैक्सीन


बुधवार को शाम तक 17,223 केंद्रों पर टीकाकरण शुरू किया गया है. इसमें 17,150 सरकारी और 73 निजी केंद्र बनाए गए हैं. इस दौरान 13 से ज्यादा को डोज लगीं. यूपी में कुल डोज सवा 26 करोड़ 42 लाख से ज्यादा लग गई है. इसमें पहली डोज लेने वालों की तादाद 15 करोड़ 81 लाख पार कर गई. वहीं दूसरी डोज़ लेने वालों की कुल तादाद 10 करोड़ 46 लाख से ज्यादा हो गई है.


15 लाख को लगी बूस्टर डोज


पहले तीसरी डोज तभी लगती थी जब दूसरी डोज लगने के 9 माह या 39 सप्ताह (273 दिन) पूरे हो गए हों. मगर, अब कर्मचारियों को तीन माह या 90 दिन के गैप पर लगाई जा सकती है. ऐसे में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ी है. तीसरी डोज लगाने वालों की संख्या 15 लाख 25 हजार पार कर गई हैं. राज्य में 10 जनवरी से बूस्टर डोज लगना शुरू हुई. पहले चरण में हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को तीसरी डोज लगाई जा रही है. इसमें पुलिस कर्मी भी शामिल हैं. वहीं 97 लाख किशोरों को पहली डोज लगीं.


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