लखनऊ : प्रदेश में 50 फीसदी से अधिक लोग एनीमिया से पीड़ित (suffering from anemia) हैं. एनीमिया मतलब की 'खून की कमी'. इसमें ज्यादातर महिलाओं की संख्या अधिक है. अगर एक महिला एनेमिक है तो उसकी होने वाली संतान भी भविष्य में खून की कमी से परेशान हो सकती है. प्रदेश को एनीमिया मुक्त बनाना है. यह बातें केजीएमयू की हेड व मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एसपी जैसवार ने बुधवार को कहीं. केजीएमयू के प्रसूति एवं महिला विभाग क्वीन मेरी हाॅस्पिटल में एक दिवसीय 'नारी स्वास्थ्य जनांदोलन यात्रा-एनीमिया नेशनल राइड' कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम का उद्देश्य एनीमिया के प्रति जागरूक करना है.
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केजीएमयू कुलपति बिपिन पुरी (KGMU Vice Chancellor Vipin Puri) मौजूद रहे. इस दौरान स्त्री एवं प्रसूति विभाग के छात्रों ने नुक्कड़ नाटक पेश किया. नुक्कड़ नाटक में छात्र-छत्राओं ने दिखाया कि किस तरह से गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित होती हैं. प्रसव के दौरान कौन-कौन सी जरूरी जांचें होती हैं, जिसे अनिवार्य रूप से कराना चाहिए, ताकि प्रेग्नेंसी में कोई भी दिक्कत न हो. अस्पताल में कैंप लगाया गया है और यहां पर कंप्लीट ब्लड टेस्ट (CBC), थायराइड (Thyroid) और रैंडम ब्लड शुगर (RBS) की जांचें निशुल्क हो रही हैं.
फेडरेशन ऑफ ऑस्ट्रेटीशियन एंड ग्यानॉकोलोजिस्ट ऑफ इंडिया के तत्वाधान में प्रेसिडेंट डॉ. ऋषिकेश पई की पहल पर एनीमिया बदलाव यात्रा निकाली जाएगी. यह 40 दिवसीय यात्रा ऋषिकेश से प्रारम्भ होकर 20 नगरों से गंगा नदी के साथ-साथ होती हुई कोलकत्ता में खत्म होगी. वहीं केजीएमयू के प्रशासनिक भवन (Administrative Block) से कलाम सेंटर तक एक एनीमिया जागरूकता रैली भी निकाली गई. जिसका शुभारम्भ केजीएमयू लखनऊ के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी और शहर की प्रसिद्ध वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. चन्द्रावती ने हरी झंडी दिखाकर किया. इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा एक नुक्कड़ नाटक का मंचन भी किया गया. इसमें लगभग 300 छात्र-छात्राओं, पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों ने भाग लिया. इसमें छात्र-छात्राओं ने पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लिया और उन्हें पुरस्कृत किया.
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