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लखनऊ में 400 कोरोना विजेताओं ने डोनेट किया प्लाज्मा - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी की राजधानी लखनऊ में अब तक 400 कोरोना विजेता अपना प्लाज्मा दान कर चुके हैं. कोरोना के गंभीर मरीज के इलाज में प्लाज्मा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज
किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज
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Published : Dec 18, 2020, 3:12 AM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के लिए कोरोना विजेता का प्लाज्मा इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. ऐसे में लखनऊ में तमाम ऐसे कोरोना विजेता है जो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए आगे आ रहे हैं. राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में अब तक लगभग 400 कोरोना विजेताओं ने प्लाज्मा डोनेट किया है.

गंभीर रोगियों को बचाने में कारगर प्लाज्मा

केजीएमयू ब्लड बैंक की अध्यक्ष तूलिका चंद्र ने बताया कि अब तक 400 कोरोना विजेताओं ने प्लाज्मा डोनेट किया है. कोरोना पर विजय प्राप्त किए हुए मरीज प्लाज्मा डोनेट कर कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में मदद कर सकते हैं. गंभीर मरीज के इलाज में प्लाज्मा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. लिहाजा कोरोना विजेताओं के प्लाज्मा दान करने से मरीज की जान बच सकती है.

ठीक होने के 14 दिन बाद किया जा सकता है प्लाज्मा डोनेट

प्लाजमा थेरेपी की मदद से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज केजीएमयू में किया जा सकता है. ऐसे में जो लोग कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर चुके हैं वह ठीक होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा का दान केजीएमयू में कर सकते हैं. तूलिका चंद्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के कोरोना विजेता प्लाज्मा का डोनेशन कर सकते हैं. जिस व्यक्ति का प्लाज्मा लिया जाता है उसका वजन 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए. प्लाज्मा देने वाले व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर ब्लड प्रेशर और पल्स रेट सामान्य होना चाहिए. प्लाज्मा लेने से पहले व्यक्ति का हीमोग्लोबिन भी चेक किया जाता है जो 12 से ज्यादा होना चाहिए. प्लाजमा डोनर को किसी भी प्रकार का त्वचा रोग नहीं होना चाहिए. मां बनने के बाद महिलाएं प्लाज्मा का डोनेशन नहीं कर सकती हैं. जेल में बंद व नशीला पदार्थ लेने वाले व्यक्तियों का प्लाज्मा नहीं लिया जाता है.

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के लिए कोरोना विजेता का प्लाज्मा इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. ऐसे में लखनऊ में तमाम ऐसे कोरोना विजेता है जो गंभीर मरीजों के इलाज के लिए आगे आ रहे हैं. राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में अब तक लगभग 400 कोरोना विजेताओं ने प्लाज्मा डोनेट किया है.

गंभीर रोगियों को बचाने में कारगर प्लाज्मा

केजीएमयू ब्लड बैंक की अध्यक्ष तूलिका चंद्र ने बताया कि अब तक 400 कोरोना विजेताओं ने प्लाज्मा डोनेट किया है. कोरोना पर विजय प्राप्त किए हुए मरीज प्लाज्मा डोनेट कर कोरोना संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में मदद कर सकते हैं. गंभीर मरीज के इलाज में प्लाज्मा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. लिहाजा कोरोना विजेताओं के प्लाज्मा दान करने से मरीज की जान बच सकती है.

ठीक होने के 14 दिन बाद किया जा सकता है प्लाज्मा डोनेट

प्लाजमा थेरेपी की मदद से कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज केजीएमयू में किया जा सकता है. ऐसे में जो लोग कोरोना संक्रमण पर विजय प्राप्त कर चुके हैं वह ठीक होने के 14 दिन बाद प्लाज्मा का दान केजीएमयू में कर सकते हैं. तूलिका चंद्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि 18 वर्ष से लेकर 60 वर्ष के कोरोना विजेता प्लाज्मा का डोनेशन कर सकते हैं. जिस व्यक्ति का प्लाज्मा लिया जाता है उसका वजन 50 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए. प्लाज्मा देने वाले व्यक्ति का बॉडी टेंपरेचर ब्लड प्रेशर और पल्स रेट सामान्य होना चाहिए. प्लाज्मा लेने से पहले व्यक्ति का हीमोग्लोबिन भी चेक किया जाता है जो 12 से ज्यादा होना चाहिए. प्लाजमा डोनर को किसी भी प्रकार का त्वचा रोग नहीं होना चाहिए. मां बनने के बाद महिलाएं प्लाज्मा का डोनेशन नहीं कर सकती हैं. जेल में बंद व नशीला पदार्थ लेने वाले व्यक्तियों का प्लाज्मा नहीं लिया जाता है.

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