कोटद्वारः कोटद्वार में चल रही गब्बर सिंह कैंप में आर्मी भर्ती के दौरान चार युवकों के फर्जी दस्तावेजों के साथ भर्ती ग्राउंड में पहुंचने का मामला सामने आया है. वहीं चारों युवक पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के हैं. हालांकि सेना की खुफिया विभाग ने इन चारों युवकों को भर्ती ग्राउंड में दौड़ से पहले पकड़ लिया था.
पूछताछ के दौरान चारों युवकों ने खुफिया विभाग को बताया कि अलीगढ़ के एक व्यक्ति से पांच-पांच हजार रुपये में भर्ती के लिए आधार कार्ड, मूल निवास और एडमिट कार्ड बनाया. बता दें की विगत चार वर्षों से लगातार भारतीय सेना की भर्ती कोटद्वार के गब्बर सिंह ग्रांउड में होती आ रही है.
विगत वर्ष भी चार युवक फर्जी दस्तावेजों के साथ भर्ती ग्राउंड में पकड़े गए थे. वह भी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश के थे. इस वर्ष हो रही भर्ती में भी चारों युवक सोहन सिंह निवासी मथुरा, मनीष, सचिन सिंह और वरुण निवासी बागपत के हैं.
सेना की खुफिया विभाग द्वारा पकड़े गए चारों युवकों से पूछताछ कर फर्जी दस्तावेज बनाने वाले व्यक्ति तक पहुंचने तक का प्रयास किया जा रहा है. सेना के अधिकारियों का कहना है कि चारों युवकों से सख्ती से पूछताछ की जाएगी और फर्जी दस्तावेज बनाने वाले व्यक्तियों तक पहुंचा जाएगा, जिससे कि आगे भी सेना भर्ती में पारदर्शिता बनी रहे और पहाड़ी क्षेत्र से आने वाले युवाओं का सेना भर्ती पर भरोसा बना रहे.
भर्ती ग्राउंड को चारों तरफ से सीसीटीवी कैमरे से लैस किया गया है, जिससे कि भर्ती में पारदर्शिता लाई जा सके.वहीं पकड़े गए युवक ने बताया कि पांच हजार रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से अलीगढ़ निवासी से कोटद्वार का मूल निवास, आधार कार्ड और सेना भर्ती एडमिट कार्ड बनवाया था.
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पूछताछ में युवकों ने बताया कि उक्त व्यक्ति से पहले मथुरा में मुलाकात हुई थी, लेकिन वर्तमान में अलीगढ़ में रहता है. उत्तराखंड के कोटद्वार में सेना भर्ती की जानकारी मिली थी, जिस कारण हमने कोटद्वार के फर्जी दस्तावेज बनाकर वहां पहुंच गए.
उधर सेना भर्ती के कर्नल विनीत वाजपेई का कहना है कि चार युवक जो कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा और बागपत के रहने वाले हैं. उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाकर भर्ती रैली में घुसने का कोशिश की. जिन्हें सेना की खुफिया विभाग ने समय रहते पकड़ लिया. सभी से सख्ती से पूछताछ की जा रही है.