लखनऊ : राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में एक घर में 35 श्वान पल रहे हैं, इससे आस-पास के पड़ोसी भी परेशान हो रहे हैं. नगर निगम की तरफ से नोटिस जारी की गई है. नगर निगम में श्वान पालने के कई तरह के नियम हैं और लाइसेंस जारी किए जाते हैं. शुभानी अरोरा कहती हैं कि उन्होंने अपने घर में श्वान पाले हुए हैं. इस समय इनकी संख्या 31 है. वह श्वानों से लगाव रखती हैं औऱ रेस्क्यू करके लाती हैं. घायल और बीमार होने पर श्वानों को घर लाकर इलाज आदि करती हैं. नगर निगम से नोटिस मिलने के सवाल पर कहती हैं कि नोटिस मिली है, हमारी कोशिश है कि दो महीने में इन्हें कहीं और शिफ्ट कर देंगे. जहां पर काॅलोनी आदि न हो और किसी को इनसे परेशानी न हो.
पड़ोसी दीक्षा त्रिवेदी कहती हैं कि उनके घर मे श्वान अधिक होने से समस्या होती है. हमारे घर मे भी श्वान है, लेकिन उनके श्वान अराजकता करते हैं. हमारे श्वान को उनका श्वान काट चुके हैं और घर के बाहर गंदगी करते हैं. इससे परेशान होकर घर बिकाऊ की नोटिस लगाई थी. नगर निगम ने दो महीने में खाली कराने की बात कही है. पड़ोसी दीक्षा त्रिवेदी ने अपने मकान पर नोटिस बोर्ड लगा दिया है, जिस पर उन्होंने लिखा है कि श्वानों के आतंक और झूठे आरोप के कारण ये मकान बिकाऊ है, दीक्षा त्रिवेदी से संपर्क करें. वह कहती हैं कि इतने श्वान पालने और गंदगी से वह परेशान हैं. यह श्वान पूरे दिन घर के बाहर घूमा करते हैं. आते-जाते लोगों को दौड़ाते हैं और कई बार लोगों को काट भी चुके हैं. इससे वह लोग आजिज आ चुके हैं.
ईटीवी भारत ने इस विषय पर नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डाॅ. अभिनव वर्मा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि श्वान पालक शुभानी अरोरा को नोटिस जारी की गई है. उन्होंने दो महीने की मोहलत मांगी है. इसके अवधि के बाद वह घर से श्वान हटा देंगी. उन्होंने कहा कि नगर निगम में जो शिकायत पड़ोसी दीक्षा की तरफ से गई है कि उसमें इन श्वानों की संख्या 35 बताई गई है, जिसमें से 34 देशी श्वान हैं. एक श्वान विदेशी नस्ल का है, श्वान नहीं हटने पर कार्रवाई की जाएगी.
श्वान पालने के लिए नियम : नगर निगम में देशी ब्रीड के श्वान के लिए 200 व विदेशी ब्रीड व क्राॅस ब्रीड के श्वान के लिए एक हजार रुपये लाइसेंस फीस निर्धारित की गई है. लोग नगर निगम के चिकित्सकों से संपर्क करके लाइसेंस बनवा सकते हैं, इसके लिए पालकों को सिर्फ अपना मोबाइल नंबर व वैलिड वैक्सीनेशन कार्ड दिखाना होगा. बिना लाइसेंस के श्वान मिलने पर जब्त करने के साथ ही श्वान मालिक पर पांच हजार रुपये प्रति हिसाब से जुर्माना भी लगाया जायेगा.
बलरामपुर अस्पताल के डॉ. देवाशीष शुक्ला बताते हैं कि श्वान बड़ा ही वफादार होता हैं. श्वान से बड़ा वफादार और समझदार कोई भी नहीं हो सकता है. कुछ लोग इसीलिए श्वान को पालते हैं कि उन्हें बेजुबान जानवरों से लगाव होता है, वहीं कुछ लोग श्वान को अपने परिवार के सदस्य के समान प्रेम करते हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. हो सकता है कि वह सदस्य घर पर अकेला हो, परिवार न हो या फिर बच्चे होते हुए भी बाहर रह रहे हों. यह भी हो सकता है कि उसे श्वान पालने का जुनून हो. बहुत से लोग नरम दिल के होते हैं. बेजुबान जानवरों की मदद करना चाहते हैं.