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बालिका गृह तक पहुंचा कोरोना, 32 संवासनियां समेत 2 गर्भवती संक्रमित

कोरोना ने बालिका गृह को भी अपनी चपेट में ले लिया है. इसमें 32 संवासनियां, एक मानसिक दिव्यांग और दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. इनमें से गुरुवार को 29 संवासिनियों को निरालानगर स्थिति आइसोलेशन सेंटर शिफ्ट किया गया है.

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अधिक सावधान रहने की जरूरत.
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Published : May 14, 2021, 12:26 PM IST

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर से कोई भी अछूता नहीं रहा है. इसमें अब बच्चे भी शामिल हैं. शहर के कई इलाकों में अपना पांव पसार चुका कोरोना वायरस अब मोतीनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालिका) तक पहुंच गया है. जिसमें कई बालिकाएं और संवासिनी गृह की संवासिनियां समेत गर्भवती महिलाएं भी संक्रमण की चपेट में आ गई है. वहीं राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी का कहना है कि बालगृह को इसके लिए तैयार होना चाहिए. अगर संक्रमण पर अभी रोक नहीं लग पाई तो स्थिति बहुत खराब होगी.

संवासनी भी संक्रमित
राजधानी के मोतीनगर स्थित राजकीय बाल गृह (बालिका) की संवासिनी गृह की 32 संवासनी संक्रमित हो गई हैं, जिनमें एक मानसिक मंदित और दो गर्भवती हैं. इनकी जांच रिपोर्ट आए तीन-चार दिन बीत गए हैं, लेकिन इन्हें आइसोलेट नहीं किया गया. बाल आयोग और बाल कल्याण समिति को सूचना मिली तो बीते बुधवार शाम इन्हें अलग शिफ्ट करने की व्यवस्था हो पाई. इनमें से 29 संक्रमित संवासिनियों को बृहस्पतिवार सुबह निरालानगर स्थित आइसोलेशन सेंटर शिफ्ट किया गया. मानसिक मंदित और दो गर्भवती को बालगृह में ही आइसोलेट किया जाएगा. उनके देखभाल का विशेष ख्याल रखने को कहा गया. ताकि सभी जल्द से जल्द रिकवर हो जाएं.


संक्रमण पर पाना है काबू
राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि संक्रमण पर अभी काबू नहीं पाया गया तो आने वाली स्थिति और भयावह होगी. इसके लिए बालगृह को तैयार होना जरूरी है. दो कमरों में 16-16 बच्चियों को रखा गया है. इनमें कुछ पाक्सो एक्ट के मामलों की भी हैं. बिना सुरक्षा हम इन्हें शिफ्ट नहीं करा सकते थे. ऐसे में विभाग ने 10 मई को ही गार्ड के लिए पत्र लिख दिया था. इसके बाद तीन दिन बीत गए हैं. अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह से बात भी हुई थी. पहले उन्होंने बालगृह के ही गार्ड के लिए कहा, लेकिन हम बालगृह के गार्ड रख देंगे तो यहां की निगरानी कौन करेगा. एडीएम पूर्वी का कहना है कि देरी नहीं हुई है, सारी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं. बृहस्पतिवार को गार्ड दे दिए जाएंगे.

संक्रमण से निपटने की कोई तैयारी नहीं
उन्होंने कहा कि, बालगृह संक्रमण से निपटने के लिए बिलकुल तैयार नहीं है. बालगृह बालिका में कुल 97 बालिकाएं और संवासिनियां हैं. संक्रमित पाए जाने के बाद 32 संवासिनियों को भले ही दो कमरों में रखने की बात की जा रही हो, लेकिन इनके एक ही परिसर में रहने से अन्य 65 में संक्रमण फैलने का खतरा है. डीपीओ जयपाल वर्मा ने कहा कि लगातार निगरानी और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. जितनी जगह है उसमें संक्रमितों को आइसोलेट करके रखा गया है. देर से शिफ्टिंग पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

लखनऊः कोरोना की दूसरी लहर से कोई भी अछूता नहीं रहा है. इसमें अब बच्चे भी शामिल हैं. शहर के कई इलाकों में अपना पांव पसार चुका कोरोना वायरस अब मोतीनगर स्थित राजकीय बालगृह (बालिका) तक पहुंच गया है. जिसमें कई बालिकाएं और संवासिनी गृह की संवासिनियां समेत गर्भवती महिलाएं भी संक्रमण की चपेट में आ गई है. वहीं राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी का कहना है कि बालगृह को इसके लिए तैयार होना चाहिए. अगर संक्रमण पर अभी रोक नहीं लग पाई तो स्थिति बहुत खराब होगी.

संवासनी भी संक्रमित
राजधानी के मोतीनगर स्थित राजकीय बाल गृह (बालिका) की संवासिनी गृह की 32 संवासनी संक्रमित हो गई हैं, जिनमें एक मानसिक मंदित और दो गर्भवती हैं. इनकी जांच रिपोर्ट आए तीन-चार दिन बीत गए हैं, लेकिन इन्हें आइसोलेट नहीं किया गया. बाल आयोग और बाल कल्याण समिति को सूचना मिली तो बीते बुधवार शाम इन्हें अलग शिफ्ट करने की व्यवस्था हो पाई. इनमें से 29 संक्रमित संवासिनियों को बृहस्पतिवार सुबह निरालानगर स्थित आइसोलेशन सेंटर शिफ्ट किया गया. मानसिक मंदित और दो गर्भवती को बालगृह में ही आइसोलेट किया जाएगा. उनके देखभाल का विशेष ख्याल रखने को कहा गया. ताकि सभी जल्द से जल्द रिकवर हो जाएं.


संक्रमण पर पाना है काबू
राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने कहा कि संक्रमण पर अभी काबू नहीं पाया गया तो आने वाली स्थिति और भयावह होगी. इसके लिए बालगृह को तैयार होना जरूरी है. दो कमरों में 16-16 बच्चियों को रखा गया है. इनमें कुछ पाक्सो एक्ट के मामलों की भी हैं. बिना सुरक्षा हम इन्हें शिफ्ट नहीं करा सकते थे. ऐसे में विभाग ने 10 मई को ही गार्ड के लिए पत्र लिख दिया था. इसके बाद तीन दिन बीत गए हैं. अपर जिलाधिकारी पूर्वी केपी सिंह से बात भी हुई थी. पहले उन्होंने बालगृह के ही गार्ड के लिए कहा, लेकिन हम बालगृह के गार्ड रख देंगे तो यहां की निगरानी कौन करेगा. एडीएम पूर्वी का कहना है कि देरी नहीं हुई है, सारी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं. बृहस्पतिवार को गार्ड दे दिए जाएंगे.

संक्रमण से निपटने की कोई तैयारी नहीं
उन्होंने कहा कि, बालगृह संक्रमण से निपटने के लिए बिलकुल तैयार नहीं है. बालगृह बालिका में कुल 97 बालिकाएं और संवासिनियां हैं. संक्रमित पाए जाने के बाद 32 संवासिनियों को भले ही दो कमरों में रखने की बात की जा रही हो, लेकिन इनके एक ही परिसर में रहने से अन्य 65 में संक्रमण फैलने का खतरा है. डीपीओ जयपाल वर्मा ने कहा कि लगातार निगरानी और सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. जितनी जगह है उसमें संक्रमितों को आइसोलेट करके रखा गया है. देर से शिफ्टिंग पर उन्होंने कुछ नहीं कहा.

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